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why does fatigue and irritability increase in the heat Learn how to get relief: गर्मी के मौसम में थकान और चिड़चिड़ापन बढ़ने के कई कारण होते हैं। सबसे पहलेगर्मी में शरीर से ज्यादा पसीना निकलता है जिससे पानी और खनिज तत्वों की कमी हो जाती है जो थकावट का कारण बनती है। दूसरी बात उच्च तापमान में शरीर को ठंडा रखने के लिए ज्यादा ऊर्जा खर्च होती है जिससे शारीरिक रूप से थकान महसूस होती है। तीसरा कारण मानसिक तनाव है क्योंकि उमस और गर्मी से मानसिक दबाव बढ़ता है जिससे मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन हो सकता है। चौथा कारण नींद की कमी है क्योंकि गर्मी में रात को सोने में कठिनाई होती है जिससे शारीरिक और मानसिक थकावट बढ़ती है। अंत में गर्मी के मौसम में शरीर के हॉर्मोनल स्तर में बदलाव आता है जिससे मूड पर असर पड़ता है और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। इन सभी कारणों से राहत पाने के लिए पानी का सेवन बढ़ाना ठंडे स्थान पर रहना और पर्याप्त नींद लेना जरूरी है।
गर्मी में थकान और चिड़चिड़ापन कारण और राहत के उपाय
1. पानी की कमी और डिहाइड्रेशन
गर्मी में पसीना अधिक आता है जिससे शरीर से जरूरी पानी और खनिज तत्व बाहर निकल जाते हैं। इस पानी की कमी को डिहाइड्रेशन कहते हैं और यह थकान का मुख्य कारण बन सकता है। शरीर में पानी की कमी से ना सिर्फ शारीरिक ऊर्जा कम होती है बल्कि यह मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है जिससे चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ सकता है। पानी की कमी से शरीर का तापमान नियंत्रित करना भी मुश्किल हो जाता है जिससे व्यक्ति जल्दी थक जाता है।
2. ऊर्जा का अधिक खर्च और थकावट
गर्मी में शरीर को ठंडा रखने के लिए ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है खासकर जब बाहर का तापमान बहुत अधिक हो। यह ऊर्जा खर्च होने के कारण शरीर में थकावट और सुस्ती महसूस होती है। शारीरिक गतिविधियों में कमजोरी और थकान आना सामान्य हो जाता है जिससे किसी भी काम में मन नहीं लगता और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। लगातार काम करने से शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और यह मानसिक थकान का कारण भी बनता है।
3. मानसिक तनाव और मूड स्विंग्स
गर्मी का मौसम न केवल शारीरिक रूप से थकाता है बल्कि मानसिक रूप से भी दबाव बढ़ाता है। तेज़ तापमान उमस और ठंडी हवा का अभाव मानसिक तनाव का कारण बन सकते हैं। मानसिक दबाव के कारण व्यक्ति का मूड आसानी से बदल सकता है जिससे चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ जाता है। कभी कभी यह स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है कि व्यक्ति अपने आस पास के लोगों से भी असहज महसूस करने लगता है जिससे सामाजिक संबंधों में भी तनाव आ सकता है।
4.नींद की कमी और असुविधा
गर्मी में रात को सोने में कठिनाई होती है क्योंकि उमस और उच्च तापमान से नींद में व्यवधान आता है। जब शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिलता तो दिन भर की गतिविधियों में थकान और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। नींद की कमी से मानसिक और शारीरिक स्थिति प्रभावित होती है जिससे किसी भी काम को करने का मन नहीं करता। अच्छी नींद न लेने के कारण ऊर्जा का स्तर बहुत कम हो जाता हैऔर व्यक्ति अधिक चिड़चिड़ा हो सकता है।
5.हॉर्मोनल बदलाव और शारीरिक असंतुलन
गर्मी के मौसम में शरीर में हॉर्मोनल बदलाव भी होते हैं जो मूड पर असर डाल सकते हैं। इन हॉर्मोनल परिवर्तनों के कारण चिड़चिड़ापन घबराहट और तनाव जैसी भावनाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा शरीर का तापमान भी असंतुलित हो सकता है जिससे शारीरिक असहजता और मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है। इन हॉर्मोनल परिवर्तनों का व्यक्ति की सामान्य मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है जिससे चिड़चिड़ापन और थकान की समस्या बढ़ सकती है।
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