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Photograph: (PINTREST)
Why does Glaucoma occurs in eyes, know symptoms and prevention: ग्लूकोमा एक गंभीर आंखों की बीमारी है, जो आई साइट नुकसान पहुंचाती है। यह बीमारी तब होती है जब आंखों पर प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे आंखों की ऑप्टिक नस पर प्रेशर पड़ता है और वो डैमेज हो जाता है। अगर इसका सही समय पर नहीं हुआ तो यह आपको जीवनभर के लिए अंधा बना सकता है। ग्लूकोमा के लक्षण शुरुआत बहुत हल्के होते हैं और इसे पहचानना मुश्किल होता है। ऐसे में आपकी आंखों के लिए खतरा बढ़ सकता है। हालांकि ये कुछ लोगों को होने का खतरा ज्यादा है, जैसे अगर आपकी उम्र 60 साल से ज़्यादा है, आपके परिवार में किसी को ग्लूकोमा है, आपकी आँखों पर ज़्यादा दबाव है या आपकी आँखों में चोट लगी है। आइए, जानते हैं इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपायों के बारे में।
क्यों होता है ग्लूकोमा?
ऐसे तो ग्लूकोमा कई कारणों से हो सकता है, लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण आंखों पर दबाव होना। आइए जानते है इसके कारणों के बारे में।
1. आंखों पर प्रेशर बढ़ना
जब आंखों के अंदर का लिक्विड ठीक से बहता नहीं है या निकलता नहीं है, तो इससे आंखों पर प्रेशर में वृद्धि होती है, जो ग्लूकोमा का कारण बनता है।
2. आनुवंशिक कारण
यदि किसी व्यक्ति के परिवार में पहले से ग्लूकोमा का इतिहास है, तो उस व्यक्ति को भी इस बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है। यह एक जेनेटिक रोग हो सकता है।
3. उम्र संबंधीग्लूकोमा आमतौर पर 40 साल से ऊपर की उम्र के व्यक्तियों में देखा जाता है। उम्र बढ़ने के साथ आंखों के संरचना में परिवर्तन होते हैं, जिससे दबाव बढ़ सकता है।
4. आंखों की चोट
अगर आपको किसी आंखों में किसी तरह की चोट या नुकसान पहुंचा हो तो ये ग्लूकोमा का कारण बन सकता है, क्योंकि चोट के कारण आंखों के अंदर दबाव बढ़ जाता है।
5. डायबिटीज
डायबिटीज या हाइ ब्लड प्रेशर वाले लोगों में ग्लूकोमा का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि यह आंखों की रक्त नसों पर दबाव डालता है।
6. दवाइयों का प्रभाव
कुछ दवाइयाँ, जैसे स्टेरॉयड , ग्लूकोमा को बढ़ा सकती हैं। लंबे समय तक इन दवाओं का सेवन करने से आईओपी बढ़ जाता है जिससे आंखों में प्रेशर बनने लगता है, और ग्लूकोमा होने का खतरा बढ़ जाता है।
ग्लूकोमा के लक्षण
1. धीरे-धीरे दृष्टि का धुंधलापन
शुरुआत में ग्लूकोमा होने के लक्षण है कि आपको नजर का धुंधलापन या धुंधला दिखना महसूस हो सकता है, विशेष रूप से रात के समय। यह धीरे-धीरे बढ़ता है और किनारे से आईसाइट कम होने की समस्या हो सकती है।
2. आंखों में दर्द और जलन
अगर आपकी आंखों में अत्यधिक प्रेशर के साथ दर्द और जलन हो सकती है। यह दर्द अक्सर सिरदर्द या आंखों के चारों ओर महसूस कर सकते है।
3. आंखों में लालपन या नज़र में अचानक परिवर्तन
अचानक नजर में बदलाव आना, जैसे दृष्टि में अस्पष्टता या रंगों का धुंधला दिखना, ग्लूकोमा का संकेत हो सकता। इसके अलावा ग्लूकोमा के मरीजों में अक्सर आंखों के सफेद हिस्से में रेडनेस या स्वेलिंग देखने को मिलती है, खासकर तब जब आंखों पे प्रेशर ज्यादा हो।
4. आंधी के दौरान दिखने में समस्या
अगर किसी व्यक्ति को आंधी, चमकदार रोशनी या वाहन के हेडलाइट्स के सामने देखना कठिन हो जाता है, तो यह ग्लूकोमा का संकेत हो सकता है। ऐसा होने कर तुरंत इसपर गौर करे।
ग्लूकोमा से बचाव के उपाय
ग्लूकोमा से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं, जिनसे इस बीमारी के प्रभाव को रोका जा सकता है:
1. नियमित आंखों की जांच
ग्लूकोमा की शुरुआती अवस्था में लक्षण स्पष्ट नहीं होते, इसलिए नियमित रूप से आंखों की जांच करवाना महत्वपूर्ण है। यह खासकर 40 वर्ष से ऊपर की उम्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
2.स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से आंखों के दबाव को नियंत्रित किया जा सकता है। हरी सब्जियाँ, फल, और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
3.धूम्रपान से बचें
धूम्रपान करने से आंखों की रक्त वाहिकाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे ग्लूकोमा का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए धूम्रपान से बचने की कोशिश करें।
4.उचित दवाइयों का सेवन
यदि डॉक्टर ने ग्लूकोमा की दवाइयाँ निर्धारित की हैं, तो उनका नियमित रूप से सेवन करें। किसी भी स्थिति में इन दवाइयों को बंद न करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
5.आंखों का ध्यान रखें
सूरज की तीव्र रोशनी से बचने के लिए धूप का चश्मा पहनें और आंखों की सुरक्षा के लिए नियमित रूप से सही आहार लें।
6. तनाव को नियंत्रित करें
मानसिक तनाव भी ग्लूकोमा को बढ़ा सकता है, इसलिए मानसिक शांति बनाए रखना और तनाव मुक्त जीवन जीना महत्वपूर्ण है।