स्पाइस दुनिया के सारे क्विजीन में इस्तेमाल होता हैं। चिल्ली पेपर सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला स्पाइस है जिसे हम हज़ारों रेसिपीस में देख़ते हैं। हर चौथा इंसान चिल्ली खाता है।कई साइंटिस्ट्स जानना चाहती है की क्यों हम स्पाइसी खाना पसंद करते है? मुँह में जलन होने के बावजूद बिना स्पाइस के खाना क्यों फीका लगता है? इंडियन रेसिपीस में कोई डिश नहीं होगा जिसमे हम चीली का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
चिल्ली हिस्ट्री :
चिल्ली कैप्सिकम फॅमिली से आती हैं। क्रिस्टोफर कोलंबस के नए जहाँ की खोज से पहले लोग चिल्ली के बारे में नहीं जानते थे। सौत अमेरिका और उसके आसपास के क्षेत्र को चिल्ली का ओरिजिन बोला जाता है।
फाईलोजेनेटिक एनालिसिस में पता चला है की सौत अमेरिका के एंडीज में इसका जन्म हुआ है।चिल्ली का इस्तेमाल 6,000 साल पहले शुरू हो गया था। आजकल चिल्ली के 4 स्पीशीज हमें देखने मिलती है :कैप्सिकम एनम, कैप्सिकम छिनेंसे, कैप्सिकम फ्रुटेसेंस, कैप्सिकम बक्कातुम और कैप्सिकम पुबेसेंस।
दुनियां भर में 3 मिलियन टन से भी ज्यादा चिल्लीस को उगाया जाता है। जिसकी ग्लोबल मार्केट मे US$4 बिलियन की कीमत है। टबास्को सॉस सबसे प्रसिद्ध सॉस में से एक हैजो चिल्ली में पाया जाता है।
चिल्ली खाने से क्यों जलन होती है ?
चिल्ली में कैप्साइसिन नामक धातु होती हैं जो मुँह में जाते ही एक रिएक्शन करती है जिससे स्टिमुलस और हीट उत्पन्न होती है जिससे जलन होती है। इस स्टिमुलस की वजह से हमें महसूस होता है कि हम बहुत गरम पानी पीरहे है और मुँह जल रहा है। सारे चिल्लिस स्पाइसी नहीं होता है सिर्फ कुछ चिल्ली स्पाइसी होती है।
मनुष्य क्यों स्पाइसी पसंद करता हैं? इसके पीछे क्या साइंस है ?
मनुष्य एक अकेला जीवी है जिसे टबास्को सॉस जो चिल्ली में होती है पसंद है। माइस और स्क्वीरेल जिनके पास भी वही रिसेप्टर्स है जो हमरे पास है लेकिन फिर भी वह स्पाइसी खाना नहीं खाते है। कुछ पक्षियां भी चिल्ली खातीं हैं लेकिन वह इसे बिना चबाये निगल लेती है जिससे मुँह में जलन नहीं होती हैं।
मुहमे जलन होने पर क्या पीना चाहिए?
एक गिलास दूध या कुछ स्पून योगर्ट या आइस क्रीम खानी चाहिए। इससे जलन जल्द ही कम होता है।