Sex Ed in Women: भारतीय महिलाओं की सेक्स से जुड़ी जानकारी क्यों सीमित होती है?

भारतीय महिलाओं को सेक्स से जुड़ी जानकारी बहुत कम मिलती है क्योंकि उन्हें अपनी शारीरिक जरूरतों को समझने और एक्सप्लोर करने का पर्याप्त मौका ही नहीं दिया जाता। उन्हें हमेशा ‘संस्कार’ और ‘मर्यादा’ के नाम पर चुप कराया जाता है-

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Rajveer Kaur
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Photograph: (freepik)

भारतीय महिलाओं को सेक्स से जुड़ी जानकारी बहुत कम मिलती है क्योंकि उन्हें अपनी शारीरिक जरूरतों को समझने और एक्सप्लोर करने का पर्याप्त मौका ही नहीं दिया जाता। उन्हें हमेशा ‘संस्कार’ और ‘मर्यादा’ के नाम पर चुप कराया जाता है और सेक्स जैसे जरूरी विषय पर बात करना अब भी वर्जित माना जाता है चाहे वह घर हो, स्कूल हो या कोई सार्वजनिक जगह।

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हालांकि सेक्स हमारी जिंदगी का एक सामान्य हिस्सा है, लेकिन जब बात महिलाओं की होती है, तो इस विषय पर और भी ज्यादा चुप्पी देखने को मिलती है। आइए जानते हैं कि भारतीय महिलाएं सेक्स से जुड़ी जानकारी आखिर कहां से और कैसे जुटा पाती हैं?

भारतीय महिलाओं की सेक्स से जुड़ी जानकारी क्यों सीमित होती है?

1. दोस्तों से

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जब महिलाएं किशोरावस्था में पहुंचती हैं, तो उन्हें अपने दोस्तों से थोड़ी-बहुत जानकारी मिलने लगती है। लेकिन यह जानकारी अक्सर अधूरी, भ्रमित करने वाली और डर आधारित होती है। कई बार इसमें गलतफहमियां भी जुड़ी होती हैं। लड़कियों को अकसर यह सुनने को मिलता है कि “ऐसी बातें अच्छी लड़कियां नहीं करतीं”, जिससे वे और भी चुप हो जाती हैं।

2. स्कूल

स्कूलों में सेक्स एजुकेशन या तो बहुत अधूरी होती है या फिर उसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया जाता है। अधिकतर पाठ्यक्रम सिर्फ रिप्रोडक्टिव सिस्टम (प्रजनन तंत्र) तक सीमित रहते हैं। न ही कंसेंट (सहमति), न ही सुरक्षित यौन संबंध, और न ही सेक्स के मानसिक पहलुओं पर कोई चर्चा होती है। यह एक बहुत बड़ी कमी है।

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3. घर और माता-पिता

घर पर भी लड़कियों को सेक्स या शरीर से जुड़ी जानकारी डर के माहौल में दी जाती है — अगर दी भी जाती है। कई बार तो लड़कियों को पीरियड्स आने से पहले यह तक नहीं बताया जाता कि यह क्या होता है और उन्हें इस दौरान क्या करना चाहिए। अगर कोई लड़की अपने माता-पिता से इन विषयों पर बात करना भी चाहे, तो उसे चुप करा दिया जाता है। शरीर में होने वाले बदलावों की भी सही जानकारी नहीं दी जाती।

4. सोशल मीडिया

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आज के समय में सोशल मीडिया पर सेक्स से जुड़ी बहुत सारी जानकारी मौजूद है, लेकिन यह अनऑर्गनाइज़्ड है। यह स्पष्ट नहीं होता कि किस उम्र के बच्चों के लिए कौन-सी जानकारी उपयुक्त है। कई बार किशोर पोर्न को ही सेक्स एजुकेशन समझ लेते हैं, जो बेहद खतरनाक है। पोर्न, सेक्स को समझने का सही जरिया नहीं है। इसलिए जरूरी है कि सही एजुकेटर्स और मेंटर्स से मार्गदर्शन लिया जाए।

5. शादी

कई महिलाओं को शादी के बाद ही सेक्स से जुड़ी असल जानकारी मिलती है। लेकिन तब तक वे खुद को एक्सप्लोर करने का मौका खो चुकी होती हैं। भारतीय समाज में महिलाओं को शादी से पहले सेक्स, मास्टरबेशन या अपनी शारीरिक इच्छाओं को जानने की अनुमति नहीं होती। वर्जिनिटी को लेकर समाज में एक तरह का जुनून होता है, जो महिलाओं को स्वतंत्र रूप से अपनी सेक्सुअलिटी को अपनाने से रोकता है।

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सेक्स से जुड़ी जानकारी केवल शरीर नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। जब तक महिलाओं को सही, वैज्ञानिक और खुले मन से दी गई जानकारी नहीं मिलेगी, तब तक वे अपनी खुद की इच्छाओं और अधिकारों को पूरी तरह नहीं समझ पाएंगी।