साथ ही, महिलाओं की मातृत्व की भूमिका को लेकर सदियों पुराने रूढ़ीवादी विचार भी इसमें बाधा डालते हैं, जहां सिर्फ मां को ही देखभालकर्ता माना जाता है। तलाक का कलंक, आर्थिक स्थिति को लेकर शंका और बच्चों की परवरिश को लेकर चुनौतियां खड़ी करती हैं।
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