ओपिनियन: भारत ने महिलाओं के लिए शिक्षा, रोजगार और राजनीति के क्षेत्र में कई अवसर लाए हैं। हमारे समाज में महिलाओं का एक बड़ा तबका आज भी पितृसत्तात्मक सोच की जंजीरों से जकरा हुआ हैं। उनका अपना कोई स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है।
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