भारत ने हाल ही में एक ऐतिहासिक क्षण देखा जब तीन परिवर्तनकारी विधेयकों ने सदियों पुराने आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति के साथ, ये विधेयक अब कानून बन गए हैं।
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