इनके केवल 2 बहनें है भाई नहीं ! अक्सर हम ये शब्द अपने आस-पास के लोगों से सुनने को पाते हैं। इस सोच के पीछे पुरानी रूढ़िवादी मानसिकता काम करती है, जो बेटों को परिवार का वारिस और बेटियों को केवल जिम्मेदारी मानती है।
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