बच्चे के लिए, इससे जन्म के समय अधिक वजन होना, सांस लेने में तकलीफ, और भविष्य में मोटापा और टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए गर्भावस्था में नियमित जांच करवाना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना ज़रूरी है।
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