Advertisment

गर्भकालीन Diabetes का माँ और बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है?

बच्चे के लिए, इससे जन्म के समय अधिक वजन होना, सांस लेने में तकलीफ, और भविष्य में मोटापा और टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए गर्भावस्था में नियमित जांच करवाना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना ज़रूरी है।

author-image
Anusha Ghosh
New Update
png 5734

(Image Credit : News Medical )

Diabetes: गर्भावस्था के दौरान मधुमेह, या गर्भावस्थाजन्य मधुमेह, माँ और बच्चे दोनों को प्रभावित कर सकता है। माँ के लिए, इससे उच्च रक्तचाप और प्री-एक्लेम्पसिया का खतरा बढ़ सकता है। बच्चे के लिए, इससे जन्म के समय अधिक वजन होना, सांस लेने में तकलीफ, और भविष्य में मोटापा और टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए गर्भावस्था में नियमित जांच करवाना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना ज़रूरी है।

Advertisment

गर्भावस्था के दौरान मधुमेह का माँ और शिशु दोनों पर 5 प्रभाव

1. माताओं पर प्रभाव

गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से पीड़ित महिलाओं को कई  स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उच्च रक्त शर्करा स्तर होने के कारण, उन्हें प्रेग्नेंसी इंड्यूस्ड हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, उन्हें प्रीक्लेम्पसिया होने का भी खतरा अधिक होता है, जो माँ और शिशु दोनों के लिए गंभीर हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से ग्रस्त माताओं को अक्सर समय से पहले डिलीवरी की संभावना भी बढ़ जाती है, जो खुद एक चुनौतीपूर्ण स्थिति होती है। इन महिलाओं को भविष्य में टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

Advertisment

2. शिशु पर प्रभाव

गर्भावस्था के दौरान मधुमेह  शिशु के लिए भी जोखिम भरा हो सकता है। माँ के उच्च रक्त शर्करा स्तर से शिशु को अतिरिक्त ग्लूकोज मिलता है, जिसके कारण शिशु का वजन अधिक हो सकता है, जिसे मैक्रोसोमिया कहा जाता है। यह स्थिति जन्म के दौरान कठिनाई पैदा कर सकती है, और सिजेरियन डिलीवरी की संभावना बढ़ा सकती है। ऐसे शिशुओं में जन्म के बाद हाइपोग्लाइसीमिया (निम्न रक्त शर्करा) का खतरा भी बढ़ जाता है, क्योंकि उनका शरीर अतिरिक्त इंसुलिन का उत्पादन करता है।

3. शिशु में दीर्घकालिक प्रभाव

Advertisment

गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से ग्रस्त माताओं के शिशुओं में भविष्य में मोटापा और टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ सकता है। ये बच्चे जीवन में बाद में मेटाबोलिक समस्याओं का सामना कर सकते हैं, जो उनके संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, इन शिशुओं में कार्डियोवैस्कुलर रोगों का जोखिम भी अधिक हो सकता है, जो उनके दीर्घकालिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

4. गर्भावस्था की जटिलताएँ

गर्भावस्था के दौरान मधुमेह का एक और महत्वपूर्ण प्रभाव यह है कि यह गर्भावस्था को और जटिल बना सकता है। इन महिलाओं में एम्नियोटिक फ्लूइड की मात्रा अधिक हो सकती है, जिसे पॉलीहाइड्राम्नियोस कहा जाता है, जो प्री-टर्म लेबर का कारण बन सकता है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है, जो माँ और शिशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। गर्भावस्था की जटिलताएँ माताओं के लिए मानसिक तनाव और चिंता का कारण भी बन सकती हैं।

Advertisment

5. उपचार और प्रबंधन

गर्भावस्था के दौरान मधुमेह का प्रभावी प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि माँ और शिशु दोनों स्वस्थ रहें, नियमित रक्त शर्करा की जाँच और संतुलित आहार का पालन करना आवश्यक है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित व्यायाम भी महत्वपूर्ण होता है। कुछ मामलों में, इंसुलिन थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल और प्रबंधन से जटिलताओं को कम किया जा सकता है और स्वस्थ डिलीवरी सुनिश्चित की जा सकती है।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

Diabetes शिशु एम्नियोटिक फ्लूइड स्वास्थ्य समस्याओं
Advertisment