यह साल सिनेमा के दृष्टिकोण से बेहद खास रहा है, खासकर महिलाओं के लिए। इस साल कई ऐसी फिल्मों का निर्माण हुआ है जो महिला-प्रधान कहानियों पर आधारित हैं और समाज में महिलाओं की स्थिति, उनकी चुनौतियों, संघर्षों और सशक्तिकरण को केंद्र में रखती हैं।
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