न्यूज़: दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा की क्रूरता और परित्याग के आधार पर एक महिला को तलाक देते समय उसकी "पवित्रता" के खिलाफ झूठे आरोप लगाने से बड़ी कोई क्रूरता नहीं है। गौरतलब है कि यह जोड़ा पिछले 27 साल से अलग रह रहा है।
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