यह सब भी पितृसत्ता का ही एक पड़ाव है जिसमे पुरुषों द्वारा बनाए गए नियम जैसे महिलाएं कमज़ोर होती है, पुरुषों पर आश्रित होती हैं, उनकी अपनी कोई पहचान नही होती इत्यादि को माना जाता रहा है।
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