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क्या मां को यह अधिकार नहीं होना चाहिए कि वह अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए डिसीजन ले? क्या उसे अपने जीवन के लिए डिसीजन लेने का अधिकार नहीं है? क्या यह सब उसकी मानवीय अधिकारों का हनन नहीं है? जानें इन सभी प्रश्नों के उत्तर इस ओपिनियन ब्लॉग में-
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