भारत एवं पूरी दुनिया में महिलाओं के करियर और काम से जुड़े, उनके प्रोफेशनल या निजी जीवन में कभी न कभी एक ऐसा असमान्यता का पल ज़रूर आता है जब उसके सपनों और अचीवमेंट्स को उतनी एहमियत ना दी गयी हो या वो शाबाशी नहीं मिली हो जिसकी वो हक़दार होती हैं।
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