ओपिनियन: भारत में गोरे रंग के प्रति आकर्षण एक ऐसी सच्चाई है जिससे हम इनकार नहीं कर सकते। विज्ञापनों से लेकर फिल्मों तक, हर जगह "गोरापन" ही खूबसूरती का पर्यायवाची लगता है। लेकिन, क्या ये सोचना सही है?
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