लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी को याद करते हुए वह सुंदरी-मुंदरी की कहानी सुनाते हैं। उन्होंने नई फसल की प्रगति की भी कामना की। जाने अधिक जानकारी इस ब्लॉग में-
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