शादी रेप का लाइसेंस नहीं होती है, कंसेंट सबसे पहले है। अक्सर महिला का शरीर उसका अपना न होकर समाज की संपत्ति माना जाता है। हमारा समाज तय करता है कि उसे कब और कैसे इसका उपयोग करना है। आइए इस जटिल विषय वैवाहिक बलात्कार पर विचार करें।
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