गुजरात के एक व्यापारी और उनकी पत्नी ने जैन मुनि बनने से पहले अपना पूरा 200 करोड़ रुपये का दान कर दिया। उनकी कहानी, जैन धर्म में संयम के मार्ग और जैन धर्म में दीक्षा के महत्व को जानें।
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