आज के समय में, महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर यानि सेल्फ-डिपेंड होना न केवल एक विकल्प है, बल्कि एक अनिवार्यता भी है। आत्मनिर्भरता का अर्थ केवल आर्थिक स्वतंत्रता से नहीं है, बल्कि इसमें व्यक्तिगत, सामाजिक और भावनात्मक स्वतंत्रता भी शामिल होती है।
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