माता-पिता यह समझें कि उनके बच्चों की अपनी व्यक्तिगत पहचान, इच्छाएं और क्षमताएं होती हैं। बच्चों पर अपने सपने थोपने से उनके व्यक्तित्व और भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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