जानिए कैसे टोक्यो की एक कंपनी ने पुरुष कर्मचारियों को "पीरियोड का दर्द" महसूस कराके कार्यस्थल में सहानुभूति बढ़ाने की कोशिश की। क्या ये बदलाव की शुरुआत है?
इस लेख को साझा करें
यदि आपको यह लेख पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।वे आपको बाद में धन्यवाद देंगे