पेरन्ट्हुड एक खूबसूरत अनुभव है, लेकिन ये सोशल मीडिया पर दिखने वाले परफेक्ट तस्वीरों जैसा बिल्कुल नहीं होता। हमें ये याद रखना ज़रूरी है कि असलियत में उम्मीदों और हकीकत में फर्क होता है। माता-पिता के लिए ये अंतर को पाटना ही सफल अभिभावकत्व की कुंजी है।
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