समाज में तलाक या ब्रेकअप के समय अक्सर औरतों को ही दोषी ठहराया जाता है। यह सदियों से पितृसत्तात्मक समाज में व्याप्त एक गहरी रूढ़िवादी मानसिकता का परिणाम है। इस प्रवृत्ति के पीछे कई सामाजिक, सांस्कृतिक और मानसिक कारण हो सकते हैं।
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