अब पहले की तरह नहीं रहा जब बच्चों की परवरिश लिंग के आधार पर की जाती थी। बदलते समय के साथ अब बेटियों को भी उतना ही सम्मान, प्यार और अधिकार मिल रहा है, जितना कि बेटों को मिलता है। लेकिन इसका एक और पहलू है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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