हमारी आन्टीज़ को अपने राजा बेटा की कोई बात बुरी नहीं लगती, बल्कि उन्हें तो सराहा जाता है लेकिन वही काम लड़कियाँ कर लें तो ये आन्टीज़ चली आती हैं उन्हें सही-गलत का पाठ पढ़ाने।
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