वो एम्पैथी ही है जो आज-कल के लोगों में ढूँढ़ने से नहीं मिलती। करुणा और दया भाव की कमी लोगों को मतलबी और क्रुअल बनाता है। सेंसिटिव पुरुष दूसरों के प्रति ज़्यादा सहानुभूति का भाव रखते हैं।
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