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क्या है Digital Dementia और कैसे करें इससे बचाव?

डिजिटल डिमेंशिया बीमारी उन लोगों में दिखता है जो ज्यादातर डिजिटल तकनीक का प्रयोग करते हैं। यह दिमाग को कमजोर और भूलने की स्थिति को दर्शाता है। इसका प्रभाव न सिर्फ उनके जीवन पर बल्कि सामाजिक संबंधों पर भी पड़ता है।

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Ruma Singh
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डिजिटल डिमेंशिया

Digital Dementia: आजकल ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत मोबाइल पर नोटिफिकेशन चेक करते हुए होती है। आसान शब्दों में कहें तो लोगों का अब ज्यादातर समय स्क्रीन पर बीत रहा है। रात में सोने से पहले तक लोग सोशल मीडिया जैसे- फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर अपना समय बिताते रहते हैं जैसे- कुछ उनका छूट सा गया हो। आजकल छोटा हो या बड़ा हर किसी के हाथ में लैपटॉप, मोबाइल दिखाई देता है। वहीं आज के समय में बच्चे भी खेलने के बजाय मोबाइल चलाना ज्यादा पसंद करते हैं। यहां तक कि उन्हें खाने के समय में भी फोन चाहिए होता है, लेकिन ज्यादा देर तक स्क्रीन पर समय बिताने से कई बीमारियों का आप शिकार हो सकते हैं। इन्हीं में से एक है डिजिटल डिमेंशिया। 

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कैसे होती है यह बीमारी?

डिजिटल डिमेंशिया बीमारी उन लोगों में दिखता है जो ज्यादातर डिजिटल तकनीक का प्रयोग करते हैं। यह दिमाग को कमजोर और भूलने की स्थिति को दर्शाता है। इसका प्रभाव न सिर्फ उनके जीवन पर बल्कि सामाजिक संबंधों पर भी पड़ता है। इस बीमारी के शिकार होने के पीछे वज़ह है कि हम ज्यादा वक़्त वीडियो, एप्स इन सब पर बिताते हैं। जिस कारण हमारा दिमाग हर चीज को ठीक से याद नहीं रख पाता है। यह सीधा आपके दिमाग पर असर करता है, क्योंकि यह मस्तिष्क के कार्यप्रणाली में गिरावट ला देता है। 

डिजिटल डिमेंशिया का लक्षण

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•    किसी चीज पर ध्यान केंद्रित कर पाने में मुश्किल 
•    भूलने की बीमारी
•    चीजों को गलत तरीके से करना 
•    एक साथ कई कार्य करने की कोशिश
•    कोई बात को लंबे समय तक याद ना रख पाना

कैसे करें इससे बचाव?

•    अगर आप कुछ काम कर रहे हैं, तो कोशिश करें की बीच में 10 से 15 मिनट तक का ब्रेक लें।
•    स्क्रीन पर समय बिताने से बचें।
•    फिजिकल गेम्स खेलने की कोशिश करें, जैसे पजल्स गेम, नंबर गेम्स आदि ऐसा करने से दिमाग का फोकस बना रहेगा।
•    नई-नई चीज़ सीखने की पहल करें जैसे- डांस, म्यूजिक या आपको जो करना पसंद हो। 
•    किताब पढ़ने की आदत डालें क्योंकि किताब पढ़ने से दिमाग का फोकस बना रहता है और ज्ञान भी बढ़ता है। 
•    फोकस बनाए रखने के लिए अपनी डेली रूटीन में माइंडफूलनेस को शामिल करें। जैसे- गहरी सांस लेने वाला व्यायाम और ध्यान जो आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकें और आपको मानसिक रूप से भी स्वस्थ रख सकें।

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