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Happy Birthday PV Sindhu: पीवी सिंधु भारत का गर्व हैं और इस बात में कोई शक नहीं है। अगर आप उन्हें बैडमिंटन की क्वीन कहेंगे, तो यह बात भी गलत नहीं होगी। उन्होंने पूरे विश्व में भारत का नाम ऊँचा किया है और ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने में पीछे नहीं रहीं। इसके साथ ही, यह सफर उनके लिए इतना आसान नहीं था। इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत छिपी है और आने वाले समय में भी भारत को उनसे बहुत अधिक उम्मीदें हैं। चलिए, आज उनके जन्मदिन पर उनकी उपलब्धियों के बारे में जानते हैं।
दो बार ओलिंपिक पदक विजेता के बारे में जानिए ये खास बातें
भारत के टॉप खिलाड़ियों में एक नाम पीवी सिंधु का है। इस महिला खिलाड़ी पर भारतवासियों को गर्व है, क्योंकि उनकी अचीवमेंट्स सामान्य नहीं हैं। हैदराबाद, तेलंगाना में पीवी रमणा और पी विजया के घर 5 जुलाई 1995 को जन्मीं पीवी सिंधु का फैमिली बैकग्राउंड स्पोर्ट्स से जुड़ा हुआ है, क्योंकि उनके पिता अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हैं। पीवी सिंधु ने महबूब अली के गाइडेंस में ट्रेनिंग ली। इसके बाद उन्होंने पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी में एडमिशन लिया। गोपीचंद के गाइडेंस में सिंधु ने बहुत कुछ सीखा और इसी दौरान उन्होंने 2013 में मलेशिया ओपन में अपना पहला ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड जीता। 2015 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता
2016 रियो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी, जब वह पहली भारतीय शटलर बनीं, जो ओलंपिक के फाइनल में पहुँची थीं। इस मैच में उनका मुकाबला वर्ल्ड नंबर वन शटलर कैरोलिना मारिन के साथ था, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली थी और उन्हेंभारत सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। इसके बाद 2020 टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
पहली भारतीय बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियन
पीवी सिंधु ने 2019 में भी इतिहास रचा था। वह पहली भारतीय बनीं, जिन्होंने स्विट्जरलैंड के बासेल में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी। इस मैच में उनका मुकाबला जापान की खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ था। यहाँ ध्यान देने योग्य है कि 2017 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में ओकुहारा ने सिंधु को हराया था, लेकिन 2019 में सिंधु ने उन्हें हराकर पहली भारतीय बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था।