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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन, जानिए उनके ऐतिहासिक कामों के बारें में

2024 में हमने बहुत सारी खास हस्तियों को अलविदा कहा। कल यानी 26 दिसम्बर को उसमें डॉक्टर मनमोहन सिंह जी का नाम भी जुड़ चुका है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का 92 साल की उम्र में निधन हो गया।

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Rajveer Kaur
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dr manmohan singh death

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How Manmohan Singh Transformed India: 2024 में हमने बहुत सारी खास हस्तियों को अलविदा कहा। कल यानी 26 दिसम्बर को उसमें डॉक्टर मनमोहन सिंह जी का नाम भी जुड़ चुका है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। अचानक तबियत बिगड़ने पर उन्हें गुरुवार एम्स दाखिल करवाया गया और वहां पर उन्होंने आखरी सांस ली। मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने  वाले पहले सिक्ख थे। चलिए आज उनके ऐतिहासिक फैसलों के बारे में जानते हैं जिन्होंने देश का भविष्य बदलने में अहम योगदान दिया-

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, जानिए उनके ऐतिहासिक कामों के बारें में

Economic Liberalisation

पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में मनमोहन सिंह जी को वित्त मंत्री बनाया गया। उस समय देश की अर्थव्यवस्था की हालत बहुत खराब थी। इस समय पर देश में मुद्रा स्फिति बहुत बढ़ चुकी थी। उन्होंने 1991 से लेकर 1996 तक वित्त मंत्री के रूप में पदभार संभाला और देश को आर्थिक संकट से निकालने में नरसिम्हा राव की सरकार का पूरा साथ दिया। मनमोहन सिंह ने 1991 के बजट में लाइसेंस राज को खत्म कर दिया। इसके साथ ही लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन से जुड़ी अहम घोषणाएं की।

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देश का प्रधानमंत्री चुने जाना 

2004 में जब कांग्रेस पार्टी इलेक्शन जीत कर अपनी वापसी करती है तो ऐसे में सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने की अपेक्षा लगाई जा रही थी। ऐसे में यह बात उठाई गई कि सोनिया भारतीय नहीं है, उनका जन्म इटली में हुआ है। इसके चलते उन्होंने मनमोहन सिंह जी का नाम पेश किया। विपक्ष की तरफ से भी यह जोर लगाया जा रहा था कि सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री ना बनाया जाए। भाजपा नेता सुषमा स्वराज का कहना था कि अगर सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बनती हैं तो वह अपना सिर मुंडवा लेंगी। इसके साथ ही राहुल गांधी भी नहीं चाहते थे कि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बने। अगली बार जब इलेक्शन हुए तो सिंह  लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।

सूचना का अधिकार और रोजगार की गारंटी

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सूचना का अधिकार बिल को संसद में 2004 दिसंबर में पेश किया गया और 2005 को इसे लोकसभा में मंजूरी मिली और अगले ही दिन इसे राज्यसभा में पास कर दिया गया। इस कानून से नागरिकों को यह अधिकार मिलता है कि वह सरकारी संगठनों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इससे लोगों और सरकार के बीच में पारदर्शिता बनी रहेगी और सरकार का लोगों के प्रति उत्तरदायित्व भी बढ़ेगा। सरकार के द्वारा रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत की गई। इसके तहत यह कानून बनाया गया कि ग्रामीण परिवार को 100 दिन के रोजगार की गारंटी मिलेगी और बाद में इसी को ही मनरेगा का नाम दिया गया।

आधार कार्ड

आज हम सबके पास आधार कार्ड है जो हर नागरिक की यूनिक आइडेंटिटी को शो करता है 2009 में मनमोहन सिंह जी की सरकार द्वारा इसकी घोषणा की गई थी और आज हर सरकारी काम के लिए आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है।

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अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील 

2004 में जब यूपीए गठबंधन की सरकार सत्ता में आती है तब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री बनते हैं। उस दौरान 2 जुलाई, 2005 में वह अमेरिका का दौरा करते हैं और वहां के मौजूदा राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के साथ मुलाकात करते हैं। इस दौरान दोनों न्यूक्लियर डील पर दस्तखत करते हैं लेकिन इस बीच अमेरिका भारत के लिए दो बड़ी शर्तों का रखता है। पहली शर्त में यह कहा जाता है कि भारत सिविल और डिफेंस को लेकर अपनी गतिविधियों को अलग-अलग रखेगा। दूसरा परमाणु तकनीक और सामग्री मिलने के बाद IAEA द्वारा भारत के न्यूक्लियर सेंटर्स की निगरानी की जाएगी।

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