Sanae Takaichi बनीं जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री

साने ताकाइची, एलडीपी की रूढ़िवादी नेता, जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं हैं जिनकी आर्थिक नीतियाँ साहसिक हैं। इसके साथ ही सुरक्षा पर कड़ा रुख और लैंगिक संतुलन को बढ़ावा देने का वादा भी शामिल है।

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Rajveer Kaur
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sanae takaichi japan first woman prime minister

Photograph: (Richard A. Brooks/AFP/Getty Images))

जापान में नई राजनीतिक शुरुआत हुई है, जब 21 अक्टूबर 2025 को लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की साने ताकाइची को देश की 104वीं प्रधानमंत्री चुना गया। उन्होंने इतिहास रच दिया, क्योंकि वह जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं, एक ऐसा देश जहां अब तक राजनीति में पुरुषों का दबदबा रहा है। 64 साल की साने ताकाइची को जापान की “आयरन लेडी” कहा जाता है। उन्होंने जापान इनोवेशन पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई।

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प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा, “मैं अपने वादे निभाऊंगी। हम तभी दोबारा मजबूत बन सकते हैं जब हर पीढ़ी और हर व्यक्ति साथ आए। क्योंकि हमारी संख्या कम है, मैं सब से अपील करती हूं — काम करें, घोड़े की तरह काम करें। मैं खुद वर्क-लाइफ बैलेंस का विचार छोड़ दूंगी। मैं बस काम करूंगी, काम करूंगी, काम करूंगी और काम करूंगी।”

Sanae Takaichi बनीं जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री

एक रूढ़िवादी प्रोफ़ाइल

सनाे ताकाेइची का जन्म 1961 में नारा प्रान्त में हुआ था और वह 1993 से जापान की प्रतिनिधि सभा की सदस्य हैं। अपने राजनीतिक करियर के दौरान उन्होंने आर्थिक सुरक्षा मंत्री और आंतरिक मामलों व संचार मंत्री सहित कई मंत्री पद संभाले हैं।

अपने रूढ़िवादी विचारों के लिए जानी जाने वाली ताकाेइची ने जापान के संविधान के अनुच्छेद 9 में संशोधन की वकालत की है, जो युद्ध से इनकार करता है, ताकि सेना की भूमिका मजबूत हो सके। वह परमाणु ऊर्जा के पुनः संचालन का समर्थन करती हैं और समान-लिंग विवाह तथा जापानी सिंहासन में महिला उत्तराधिकार के विचार का विरोध करती हैं।

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जापानी राजनीति में लिंग अंतर

असाही के अनुसार, जापान की निचली सभा, जो अधिक विधायी शक्ति वाली होती है, में महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम है। महिलाओं के पास केवल 15.7% सीटें हैं, जो वैश्विक औसत 27.1% और एशियाई क्षेत्रीय औसत 22.1% से काफी पीछे है, इंटर-पार्लियामेंटरी यूनियन के डेटा के अनुसार।

जापानी राजनीति में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व स्पष्ट रूप से लिंग अंतर को दर्शाता है, जो पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान प्रणाली में नेतृत्व और नीतियों में भागीदारी के लिए महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करता है।

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जेंडर गैप इंडेक्स

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के जेंडर गैप इंडेक्स में जापान 148 देशों में 118वें स्थान पर है और देश ने कभी महिला प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या सेंट्रल बैंक गवर्नर नियुक्त नहीं किया। ऐसे में सनाे ताकाेइची की उम्मीदवारी जापानी राजनीति में महिलाओं के लिए संभावित सफलता का संकेत देती है।

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सनाे ताकाेइची की आर्थिक योजनाओं में आयकर में कटौती और सीधे नकद भुगतान शामिल हैं, जिसका लक्ष्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और जापान की घटती जनसंख्या व वृद्ध होती आबादी की चुनौतियों को हल करना है।

लिंग संतुलन बढ़ाने का वादा

नेतृत्व दौड़ में अकेली महिला के रूप में, ताकाेइची ने कैबिनेट में लिंग संतुलन बढ़ाने का वादा किया है, लेकिन उनके पहले के रूढ़िवादी रुख पर सवाल हैं।

एलडीपी नेतृत्व चुनाव में उन्हें अनुभवी नेताओं से कड़ी चुनौती मिल रही है। उनके आर्थिक वादे, राष्ट्रवादी दृष्टिकोण और इतिहास रचने का मौका उन्हें सबसे नजर रखने योग्य उम्मीदवार बनाता है। चाहे जीतें या नहीं, उनका अभियान जापान के लिए आर्थिक सुधार, राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक विविधता के संतुलन को दर्शाता है।

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