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पेरिस ओलिंपिक में हैट्रिक बनाने से चूकीं मनु भाकर

निशानेबाजी की सनसनी मनु भाकर 3 अगस्त को महिलाओं की 25 मीटर सिंगल इवेंट में चौथे स्थान पर रहीं और पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए तीसरा पदक जीतने से चूक गईं।

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Rajveer Kaur
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Manu Bhaker

Manu Bhaker Becomes First Indian To Win 2 Medals At A Single Olympics: निशानेबाजी की सनसनी मनु भाकर 3 अगस्त को महिलाओं की 25 मीटर सिंगल इवेंट में चौथे स्थान पर रहीं और पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए तीसरा पदक जीतने से चूक गईं। इससे पहले खेलों में, 22 वर्षीय ने एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट के रूप में इतिहास रच दिया था। 30 जुलाई को भाकर और सरबजोत सिंह ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड डबल में ब्रांन्ज मेडल जीता था। 28 जुलाई को उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर पिस्टल सिंगल इवेंट में ब्रांन्ज मेडल के साथ ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज बनने की एक और उपलब्धि हासिल की। ​​भाकर ने पिछले दो दशकों में ओलंपिक में व्यक्तिगत इवेंट के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज के रूप में भी इतिहास रच दिया। 2004 में एथेंस में सुमा शिरूर 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में पहुंची थीं।

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Olympic 2024 में भारत के लिए पहला मेडल जीतने वालीं मनु भाकर के बारे में जानें ये बातें

प्रधानमंत्री ने कॉल पर दी बधाई

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके साथ कॉल पर बात की और उन्होंने बधाई दी। ओलिंपिक से पहले PM के साथ हुई मुलाकात में मनु ने गवर्नमेंट स्कीम "खेलों इंडिया" और "TOPs" की सराहना की थी।

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ANI से बात करते हुए मनु ने कहा, यह अहसास अवास्तविक है। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और खुशी महसूस हो रही है कि मैं हम सभी के लिए यह पदक जीत पायीं। शूटिंग में इतने लंबे समय के बाद ओलिंपिक में मेडल देश को मिला है। मैं बहुत खुश हूं। हो सकता है, आने वाले दिनों में शूटिंग और अन्य खेलों में और भी कई (पदक) आएं..."

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हरियाणा की बेटी के बारे में जानें ये बातें

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  • मनु भाकर हरियाणा की छोरी हैं। उन्होंने अपने देश के लिए सिर्फ 22 साल की उम्र में ओलिंपिक मेडल जीतकर अपना और देश का नाम रोशन कर दिया। उनका जन्म 18 फरवरी, 2002 को झज्जर जिले के गोरिया गांव में हुआ। वह अपनी किशोरावस्था से ही एक एथलीट के रूप में उत्कृष्ट रहीं और टेनिस, मुक्केबाजी, स्केटिंग और मणिपुरी मार्शल आर्ट हुएन लैंग्लोन सहित खेलों में भाग लिया।
  • टोकियो ओलिंपिक में मनु का दिल टूट गया था क्योंकि मौके पर उनकी पिस्टल का लिवर टूट या था जिसके कारण वो मेडल नहीं जीत पाईं। इस निराशा के बाद मनु ने खेल को छोड़ने का फैसला लिया और 25 दिनों तक अपनी पिस्टल को हाथ नहीं लगाया था। इस समय पर माँ-बाप ने उनका साथ नहीं छोड़ा।
  • इंडियन एक्स्प्रेस से बात करते हुए मनु के पिता ने बताया, मनु की माँ अक्सर उन्हें गीता के श्लोक सुनाती थीं और उनमें से एक श्लोक जो वे अक्सर सुनाती थीं, वह है ‘यः सर्वत्राणाभिस्नेहस तत् तत् प्राप्य शुभाशुभम्, नाभिनन्दति न द्वेष्टि तस्य प्रज्ञा प्रतिष्ठिता’ जिसका अर्थ है कि जो सभी परिस्थितियों में एक जैसे रहता है, न तो अच्छी चीज से प्रसन्न होता है, न ही दुख से निराश होता है, वह पूर्ण ज्ञान वाला ऋषि है।
  • मनु भाकर 20 साल में पहली महिला शूटर हैं जो ओलिंपिक के फाइनल में पहुंची हैं। इससे पहले 2004 एथेंस में सुमा शिरूर ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में पहुंची थीं।
  • यूथ ओलंपिक 2018 में 10 मीटर एयर पिस्टल मुकाबले में मनु भाकर ने गोल्ड मेडल जीता था। इसी साल, भाकर ने अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग खेल महासंघ विश्व कप (ISSF) में भारत का प्रतिनिधित्व किया और दो बार गोल्ड मेडल जीता। इसके साथ ही भाकर ISSF में गोल्ड पदक मेडल वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गईं। 
  • भाकर ने अपने पहले कॉमनवेल्थ खेलों में भी एक असाधारण रिकॉर्ड बनाया क्योंकि उन्होंने 2018 में 16 साल की उम्र में खेलों में महिलाओं की 10 मीटर पिस्टल श्रेणी में गोल्ड मेडल जीता था।
  • 2018 में अर्जेंटीना में आयोजित यूथ ओलंपिक गेम्स में मनु भाकर भारतीय दल की Flag Bearer बनीं। चाहे वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं हों, एशियाई खेल हों या घरेलू मैदान पर भागीदारी हो, मनु भाकर ने जिस भी इवेंट में भाग लिया, उसमें वह एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरी हैं।
  • मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में चार गोल्ड मेडल हासिल करने की उनकी हालिया उपलब्धि ने उन्हें भारत की सबसे युवा और सबसे सफल पिस्टल निशानेबाजों में से एक बना दिया है। 
  • भाकर ने बाकू में 2023 विश्व चैंपियनशिप में 25 मीटर पिस्टल टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। उन्हें निशानेबाजी की श्रेणी में 2020 के अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अर्जुन पुरस्कार भारत सरकार द्वारा उन एथलीटों को दिए जाते हैं जिन्होंने खेलों में सफल उत्कृष्ट प्रदर्शन किया हो। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा खेल सम्मान है।
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