माँ का अपने बच्चे के साथ सबसे गहरा संबंध होता है। वह अपने बच्चे के लिए पूरी दुनिया से लड़ लेती है। आज हम ऐसी ही औरत की बात करेंगे जो एक बेटी, पत्नी और माँ और लेखिका है और जब उसके बच्चे पर बात आई तो वह थेरपिसट भी बन गयी। इसके अलावा बहुत से माताओं के लिए मार्गदर्शन भी बनी।हम बात कर रहे मुग्धा कालरा की जो एक ऑटिज़म राइट ऐक्टिविस्ट, 12 साल के बच्चे की माँ है जिसे ऑटिज़म स्पेक्ट्रम है और नॉट दैट डिफरेंट मूव्मेंट की सह-संस्थापक है।
Mugdha Kalra कौन हैं?
मुग्धा कालरा ने दो दशकों से ज़्यादा ब्रॉड्कैस्ट इंडस्ट्री में काम किया है और वह TV प्रेज़ेंटर , डॉक्युमेंटरी फ़िल्म लेखिका, विविधता और समावेश रही है।
माँ से थेरपिस्ट बनने तक का सफ़र
पैंडेमिक में जब सब अपनो घरों में बंद थे मुग्धा भी अपने घर में अपनी फ़ैमिली के साथ घर पर ही बंद हो गई। पहले महीना तो उसने घर के कामों में गुज़ारा। जब लॉक्डाउन को बढ़ा दिया तब उनका बेटा जिसे ऑटिज़म स्पेक्ट्रम है उसकी दवाइयों का मुश्किल होने लगा इसके लिए उसने उसे कसरत करवाना शुरू किया उसके साथ घर के काम करने शुरू किए। धीरे धीरे इस स्पेक्ट्रम पर उसने स्टडी करनी शुरू की और फिर अपने बेटे माधव के लिए एक बुक लिखी नॉट दैट डिफरेंट।
महामारी ने सात अरब लोगों को एक सामान्य वास्तविकता के माध्यम से अपनी दुनिया में अकेले रहने के लिए मजबूर कर दिया है, लेकिन समान दुखों के माध्यम से एक दूसरे से बंधे हुए हैं। मैं चाहती हूं कि यह साझा अनुभव हमारे साथी मनुष्यों के लिए अधिक सहानुभूति को प्रेरित करे।
नॉट दैट डिफरेंट
मुग्धा नॉट दैट डिफरेंट की सह-संस्थापन है जो एक बच्चे के नेतृत्व वाला आंदोलन है जो ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम में अपने गैर-अनुरूपतावादी बेटे को उठाने के लिए सीखने के साथ-साथ 'न्यूरोडायवर्सिटी' को समझने में मदद करता है। बीबीसी की रिपोर्ट अनुसार, मुग्धा ने एक अनूठी कॉमिक स्ट्रिप लिखी है, जिसका उद्देश्य ऑटिज्म से पीड़ित सभी बच्चों को बेहतर ढंग से समझने और उनके न्यूरोडाइवर्स दोस्तों के सहयोगी बनने में मदद करना है।
ब्रिटेन सरकार के मुताबिक़ ब्रिटेन में हर सात में से एक व्यक्ति को न्यूरोडायवर्सिटी स्पेक्ट्रम है।भारत में अभी तक इसके आँकड़े सामने नहीं आए है लेकिन इसके लिए काम किया जा रहा है।
न्यूरोडायवर्सिटी
न्यूरोडायवर्सिटी एक ब्रॉड टर्म है जिसको अलग-अलग सोच शैलियों डिसलेक्सिया, डिस्प्रेक्सिया, डिसकैलकुलिया, ऑटिज्म और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी के वर्णन के लिए किया जाता है। ब्रिटेन सरकार के मुताबिक़ ब्रिटेन में हर सात में से एक व्यक्ति को न्यूरोडायवर्सिटी स्पेक्ट्रम है।भारत में अभी तक इसके आँकड़े सामने नहीं आए है लेकिन इसके लिए काम किया जा रहा है।
मुग्धा का कहना विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों की देखभाल के लिए आपको बहुत मज़बूत होना पड़ता है। आपको ध्यान रखना पड़ता है कि आप अपने बच्चे के लिए क्या कर रही है।हमें अपने बच्चे इस दुनिया का हिस्सा बनाना है उसे उसकी स्पीड के हिसाब स चलने देना है। बाक़ी बच्चों के साथ अपने बच्चे की तुलना ना करे।