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Relationship Tips: कौन सी बातें गर्लफ्रेंड को नहीं कहनी चाहिए?

जब हम सेक्सिज्म की बात करते हैं तो यह अभी भी हमारे समाज में खत्म नहीं हुआ है बस इसने अपना रूप बदला है। आज भी बहुत सारी बातों जो महिलाओं को कहीं जाती है उसमें सेक्सिज्म दिख जाता है। आइये उन बातों के बारे में जानते हैं-

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Rajveer Kaur
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(Image Credit: iStock)

Don't Say This To Your Girlfriend: जब हम सेक्सिज्म की बात करते हैं तो यह अभी भी हमारे समाज में खत्म नहीं हुआ है बस इसने अपना रूप बदला है। आज भी बहुत सारी बातों जो महिलाओं को कहीं जाती है उसमें सेक्सिज्म दिख जाता है। आइये उन बातों के बारे में जानते हैं-

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Relationship Tips: कौन सी बातें गर्लफ्रेंड को नहीं कहनी चाहिए?

ब्यूटी विद ब्रेन

आपने ये कॉम्प्लीयंट तो काफी बार सुना होगा लेकिन क्या यह सच में तारीफ है? पहले के समय में औरत को फैमिली और होम तक कंफाइंड करके रखते थे। ऐसा समझा जाता था कि औरतों के पास दिमाग नहीं होता है। आज के समय में इसे कॉम्प्लीयंट नहीं माना जाता है क्योंकि इसमें महिलाओं कैटेगरी में लिमिट हो जाती है कि या तो वह अट्रैक्टिव हो सकती है या इंटेलिजेंट। अगर कोई महिला के पास यह दोनों हैं तो उसे बहुत खास माना जाता है। यह कैसे डिफाइन होता है कि कोई वूमेन अट्रैक्टिव है या किसी के पास इंटेलिजेंस है। इसलिए लड़कों को यह कंप्लीमेंट अपनी गर्लफ्रेंड को कहने से पहले सोचना जरूर चाहिए-

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तुम बाकी लड़कियों जैसी नहीं हो

सुनने में तो हमें बहुत अच्छा लगता है लेकिन एक बार रुक कर इसके बारे में सोचिए। इसमें बाकी लड़कियों के बारे में क्या कहा जा रहा है? अगर कोई आपको इसलिए चाह रहा है क्योंकि उसे आप बाकी लड़कियों जैसे नहीं लग रहे हो। इसका मतलब है कि वह दूसरी लड़कियों को आपसे नीचे मान रहा है। आप एक महिलाओं को एक दूसरे के प्रति कम मान रहे हैं और यह कह रहे हैं कि एक महिला को फेमिनिटी सिर्फ ट्रेडिशनल तरीकों में ही एंब्रेस करनी चाहिए और सीरियसली दूसरी गर्ल्स की तरह होने में गलत क्या है?

यह महीने का वो टाइम है

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यह 2024 है लेकिन मर्द का पीरियड के तरफ एटिट्यूड अभी भी कुछ खास बदला नहीं है। पीरियड कार्ड को ज्यादातर महिलाओं के अगेंस्ट ही यूज़ किया जाता हैं ताकि उनकी फीलिंग्स को इनवैलिड किया जा सके। मेंस्ट्रुएशन की वजह से जो हार्मोनल चेंजेज होते हैं वो वमन को नॉर्मली फंक्शन करने से रोकते हैं लेकिन यह मिथ है। एक औरत बहुत सारे इमोशंस एक्सपीरियंस करती हैं जो बहुत सारे फैक्टर्स से अफेक्ट होते हैं। यह समय स्टिग्मा को तोड़ने का और अनअपॉलिजेटिकली रूप से ह्यूमन होने की शक्ति को अपनाएं। लेडीज अगली बार कोई आदमी आपसे पूछे इफ इट्स दैट टाइम ऑफ़ द मंथ इस बात का सिंपल तरीके से रेस्पॉन्ड करें। आपका मतलब जब आपके एटिट्यूड की तरफ मेरा टॉलरेंस हमेशा लोi

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