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Masturbation को लेकर स्टिग्मा, क्या महिलाएं इसका आनंद नहीं उठा सकती?

अगर आप देखिए तो एक समाज में मैस्टबेशन को कहीं ना कहीं पुरुषों के लिए नॉर्मलाइज कर दिया जाता है। इससे हमें यह लगता है कि अच्छा ठीक है यह पुरुषों के लिए तो सही बात लेकिन औरतें नहीं कर सकती क्योंकि वह गुड गर्ल और शुद्धि की बात आती है।

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Rajveer Kaur
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(Image credit: freepik)

No Sexual Pleasure After Marriage?: महिलाएं मास्टरबेट करती हैं। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। यह बहुत ही नॉरमल एक्टिविटी है। मास्टरबेशन पूर्ण रूप से स्वभाविक क्रिया है। यह नार्मल और हेल्थी है। इसके काफी सारे फायदे हैं। जब भी आप मास्टरबेशन के जरिए ऑर्गेज्म प्राप्त करते हैं तो आपके बॉडी में बहुत अच्छे हॉर्मोन रिलीज होते हैं। इसके कारण हेल्थ अच्छी रहती है, इम्यूनिटी में सुधार आता है, अच्छी नींद लेते हैं, आपकी बॉडी को प्लेजर मिलता है और आप आत्मनिर्भर बनते हैं। इन सबके बावजूद इसको लेकर महिलाओं के लिए स्टिग्मा है। उनके मन में उनके मन में यह धारणा है कि मास्टरबेशन करना मतलब कि कोई एक शर्मनाक बात है। इसको लेकर किसी तरह का गिल्ट महसूस हो रहा है अगर हम यह कर रही हूं तो यह स्वभाविक नहीं है।

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Masturbation को लेकर स्टिग्मा, क्या महिलाएं इसका आनंद नहीं उठा सकती?

अगर आप देखिए तो एक समाज में एक Gender Dichotomy भी है और मैस्टबेशन को कहीं ना कहीं पुरुषों के लिए नॉर्मलाइज कर दिया जाता है। इसमें कहीं न कहीं हमारी इमेजेस भी हैं कि मास्टरबेशन गलत होता है।  हमने कभी सड़क पर देखा है, कोई पुरुष अपने जननांगों को हिला रहा है। इससे हमें यह लगता है कि अच्छा ठीक है यह पुरुषों के लिए तो सही बात लेकिन औरतें नहीं कर सकती क्योंकि वह गुड गर्ल और शुद्धि की बात आती है लेकिन एक पुरुष कर सकता है। इसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए कि एक पुरुष कर रहा है तो ठीक है लेकिन महिलाओं के करने पर यह गलत हो जाता है। महिला के चरित्र पर उंगली उठाई जाती है। यह सब बातें बाहर का सच है। हमारे अंदर की बातें अलग है। बाहर कि हमारे अंदर की जो अंदर का सच है कि अगर वह एक प्लेजर महसूस हो रहा है तो उसमें यह समझना नहीं चाहिए कि हम महिला है इसलिए नहीं कर सकते हैं। 

यह दोनों जेंडर के लिए सामान्य और सिंपल सी बात है कि आप अपनी बॉडी को टच करके खुद को करीब लेट हैं। 

कब ऐसा हुआ कि इसको लेकर लोगों के अंदर यह धारणा बन गई कि वह शेमफुल है या इंबैरेसिंग है। देखिए जब भी लड़कियों का मासिक धर्म आता था तो उस समय कहा जाता है कि गंदी चीज है। उस चीज को लेकर एक बहुत ज्यादा स्टिग्मा पैदा किया जाता है सऔर यह माना जाता है कि हम अगर वहां टच करेंगे तो यह गंदी चीज होती है। दूसरा, एक औरत का मास्टरबैशन वह सेक्सुअली एंपावर्ड हो गई है कि उसको किसी मर्द की जरूरत नहीं है। 

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यह भी एक गलत धारणा है 

अगर आप मास्टरबेट करते हैं इससे आपकी सेक्स लाइफ इंप्रूव होगी क्योंकि जब तक आपको अपने बारे में नहीं पता, जब तक आप अपनी बॉडी को पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर रही, प्लेजर महसूस नहीं हो रहा और आप सामने वाले पर डिपेंड है। आपके सेक्सुअल पार्टनर माइंडरीडर नहीं है कि उसे सब कुछ पता लग जाएगा कि आपको क्या चाहिए। जब आप अपनी बॉडी को समझते हैं तब आप अपनी बॉडी के बारे में क्या अच्छा लगता है यह अपने पार्टनर को बता सकते हैं 

कपल्स के लिए जरुरी 

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सोशल कंडीशनिंग या मोरालिटी जो यह कहती है कि अगर एक औरत मास्टरबेशन कर रही है, इसका मतलब उसको जज किया जाएगा।  वह काफी ज्यादा लस्टी है या उसकी मॉरल्स लूज है। यह गलत धारणा है। मास्टरबेशन बहुत ही नार्मल है। अगर मैस्टबेशन को लेकर गिल्ट है वह नॉर्मल नहीं है। अगर आपने मैस्टबेशन नहीं करना शुरू किया है। अपनी बॉडी को Touch करें पोर्न पर ना जाएं। वह रियालिटी से बहुत हटकर है। इसका मतलब सिर्फ यह हो सकता है कि आप अपनी बॉडी को छू रहे और फील कर रहे हैं। यह एक बहुत ही आंतरिक कनेक्शन है। 

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