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जानिए Menopause के विभिन्न Symptoms के बारे में

ब्लॉग: मेनोपॉज़ एक महिला के जीवन का वह चरण है जब आमतौर पर 40 के उम्र के अंत या 50 के शुरुआत में होता है। यह उसके रिप्रोडक्शन के वर्षों के अंत का प्रतीक है और हार्मोन प्रोडक्शन कम हो जाती हैI आईए जानते हैं इसके बारे में-

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Sukanya Chanda
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Menopause (Image credit- Kangaroo Care)

The Symptoms Of Menopause: मेनोपॉज़ केवल एक बार की घटना नहीं होती यह हर महिला के लिए एक पूरा सफल होता है जो कुछ सुविधाजनक लक्षणों के साथ शुरू होती है जैसे की मूड स्विंग्स अनियमित पीरियड्स हद से ज्यादा गर्मी लगना या फिर बेचैनी जिसके बाद पूरी तरह से मेंस्ट्रूअल पीरियड्स से आपको छुटकारा मिलता हैI यह तभी संभव है जब आपके पूरे साल भर में पीरियड्स नहीं होगीI लेकिन उससे पहले आता है पेरीमेनोपॉज़I पेरीमेनोपॉज़ मेनोपॉज़ तक का बदलते वक्त है जो अक्सर एक महिला के 40 की उम्र में शुरू होता है। इस समय के दौरान, हार्मोनल उतार-चढ़ाव अनियमित पीरियड्स और विभिन्न लक्षणों का कारण बन सकता है।

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कैसे बदलाव लाता है मेनोपॉज़?

जैसा कि कहा गया है मेनोपॉज़ केवल एक ही बार में नहीं होता, इसके कई चरण होते है जो आपमें कई तरह से बदलाव लाते हैI अब चाहे वह बदलाव शारीरिक तौर पर हो जो बाहर से नजर में आए या फिर आपके शरीर के अंदर भी होती है जैसे कि मेटाबॉलिक चेंजI 

कब होता है मेनोपॉज़?

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प्राकृतिक रूप में मेनोपॉज़ कभी भी हो सकता है 45 से 55 साल की उम्र के बीचI वैसे तो मेनोपॉज़ के लिए एवरेज उम्र है 51 लेकिन यदि भारत की महिलाओं की बात की जाए तो तब उनकी एवरेज उम्र हो जाती है 46I यदि हम पेरीमेनोपॉज़ की बात करे तो वह मेनोपॉज़ से पहले का पड़ाव होता है जो असल में मेनोपॉज़ होने के तीन से चार साल पहले ही शुरू हो जाती हैI 

मेनोपॉज़ की समय सीमा-

1. अर्ली मेनोपॉज़- यदि 40 साल के शुरुआत में ही आपका मेनोपॉज़ शुरू हो जाए तो उसे हम अर्ली मेनोपॉज़ कह सकते हैI 

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2. प्रीमेच्योर मेनोपॉज़- लेकिन वही यदि 40 से पहले हो तो उसे हम प्रीमेच्योर मेनोपॉज़ कहते हैI 

3. सर्जिकल मेनोपॉज़- यदि मेनोपॉज किसी तरह के सर्जरी या फिर यूट्रस और ओवरीज के शरीर से हटाने के बाद शुरू होती है तो उसे सर्जिकल मेनोपॉज़ कहा जाता हैI 

क्या है मेनोपॉज़ के लक्षण?

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मेनोपॉज़ के कई लक्षण हो सकते है जैसे कि इनसोम्निया या फिर सोने में परेशानी ऐसे वक्त पर आपको नींद आने में दिक्कत हो सकती हैI रात को आप जगे हो सकते है या फिर सुबह जल्दी ही आप वक्त से पहले जग सकते है जिससे कि आपके जीवन में भी काफी बुरा असर कर सकता हैI इसके अलावा दूसरे लक्षण दिखाई दे सकते है जैसे कि मूड में बदलाव, गुस्सा होना, एंजायटी डिप्रैशन या फिर चिड़चिड़ापनI इन लक्षणों के वजह से मेंटली उन पर काफी हद तक प्रभाव पड़ता है, वह किसी भी कार्य पर पूरा ध्यान नहीं लगा सकती जिससे कि उनकी मेमोरी भी पूरा साथ नहीं देती और कठिन कार्य में उन्हें असुविधा महसूस होती हैI

वर्किंग वुमन के लिए यह वक्त बहुत ही नाजुक और मुश्किल होता हैI इन सबके चलते कभी-कभी औरत को अपनी नौकरी छोड़नी भी पड़ती हैI इसके अलावा दूसरे लक्षण जैसे कि थकावट, जॉइंट में दर्द, वैजाइना में सूखापन और खुजली इन सब का असर आपके सेक्शुअल जीवन में भी पड़ता हैI और भी लक्षण जैसे कि ब्लैडर कंट्रोल, बालों एवं त्वचा में सूखापन इसलिए मेनोपॉज़ के लक्षण आपके पूरे शरीर में प्रभाव डालते हैI 

यदि मेनोपॉज़ के वक्त ठीक से ध्यान रखा जाए तो इसमें आपके जीवन में भी बदलाव आ सकता है एवं इन लक्षणों के चलते आप अपने जीवन और काम को ठीक से बैलेंस कर पाएंगे और खुश भी रहेंगेI

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Menopause symptoms पीरियड्स पेरीमेनोपॉज़
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