Gynecologist Need: गायनेकोलॉजिस्ट को हिंदी में “स्त्री रोग विशेषज्ञ” कहा जाता है जिससे हर महिला को कभी न कभी दिखाने जाना ही पड़ता है और अपनी समस्याओं को ठीक कराने के लिए गायनेकोलॉजिस्ट की मदद लेनी पड़ती है। गायनेकोलॉजिस्ट का काम होता है केवल स्त्रियों से संबंधित विशेष रोगों अर्थात् उनके विशेष अंगों से संबंधित रोगों की जांच करना। महिलाओं में समय के साथ-साथ उनके शरीर में भी कई बदलाव आते हैं। ऐसे में वह कई स्वास्थ्य से जुड़े लक्षणों जैसे कि वैजाइनल डिस्चार्ज या व्हाइट डिस्चार्ज, यूटीआई या पेल्विक में दर्द महसूस कर सकती हैं। इसके लिए उन्हें देर न करके गायनेकोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। क्योंकि सावधानी और बीमारिेयों की रोकथाम आपको आने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने का एक मात्र तरीका है।
गायनेकोलॉजिस्ट से कब मिलना चाहिए
आइए जानते हैं कि हमें गायनेकोलॉजिस्ट से मिलने किस समय जानी चाहिए :-
1. पीरियड्स देर से आना या पीरियड्स मिस्ड हो जाना
यह सबसे बड़ा करण है, कई महिलाएं अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स में खून के थक्के आना या पीरियड्स का मिस हो जाना आम मानती हैं और उसे शरीर की कमजोरी से जोड़ लेती हैं। लेकिन यह जानना जरूरी है कि आपके शरीर के लिए क्या यह सब सामान्य है? इसलिए यदि आप अपने पीरियड साइकिल में कुछ भी अजीब महसूस होने वाले लक्षण देखते हैं तो जल्द अपने गायनोकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
2. पेल्विक या श्रोणि में दर्द
आप किस तरह का दर्द महसूस कर रहे हैं यह जानना जरूरी है। कई बार पैल्विक मे तेज दर्द एक संक्रमण, एक टूटे हुए ओवेरियन सिस्ट या एक खतरनाक एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का चेतावनी संकेत हो सकता है। लगातार पेल्विक में दर्द या पेट में गर्भाशय फाइब्रॉएड को इंगित करती है, जो नॉन-कैंसर ट्यूमर हैं। इसीलिए पेल्विक श्रोणि में दर्द होने पर जल्द ही अपने गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
3. अचानक पीरियड्स के दौरन ज्यादा दर्द होना
यदि आपको पीरियड्स के बाद कभी-कभार स्पॉट दिखना या फिर पीरियड्स के दिनों में बहुत अधिक दर्द होता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि यह वैजाइना या गर्भाशय ग्रीवा या गर्भाशय के कैंसर का संकेत हो सकता है।
4. पैप स्मीयर
पैप स्मीयर एक प्रयोगशाला प्रक्रिया है जो कैंसर और अन्य जानलेवा बीमारियों का निदान करने में मदद करती है। यह आमतौर पर आपकी वार्षिक स्त्री रोग परीक्षा में शामिल होता है। पैप स्मीयर सालाना किया जाता है और ये प्रक्रिया खतरनाक स्थितियों को जल्दी पकड़ने में सहायता करती है।
सूचना : इस आलेख को केवल संपादित किया गया है। मौलिक लेखन सोनाली का है।