बेंगलुरु में भारी बारिश: लोगों ने बताया कि शहर क्यों डूब रहा है

बेंगलुरु में भारी बारिश के कारण शहर में हाहाकार मचा हुआ है। सड़कें पानी से लबालब हैं, बिजली आपूर्ति ठप हो गई है, और ट्रैफिक जाम की स्थिति है। इससे लोगों का रोजमर्रा का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुई है।

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Rajveer Kaur
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Bengaluru Drowns in Chaos: बेंगलुरु में भारी बारिश के कारण शहर में हाहाकार मचा हुआ है। सड़कें पानी से लबालब हैं, बिजली आपूर्ति ठप हो गई है और ट्रैफिक जाम की स्थिति है। इससे लोगों का रोजमर्रा का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुई है। जगह-जगह जलभराव के कारण राज्य में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बचाव कार्य के लिए बीबीएमपी (ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका) आगे आया है। ऐसे में X यूजर की पोस्ट ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। चलिए पूरी बात जानते हैं-

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बेंगलुरु में भारी बारिश: लोगों ने बताया कि शहर क्यों डूब रहा है

बेंगलुरु में भारी बारिश ने हाहाकार मचा दिया है, जिससे पूरा शहर अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें पानी से लबालब हैं और ट्रैफिक जाम की स्थिति है। ऐसे में एक यूजर की सोशल मीडिया पोस्ट ने सबका ध्यान खींचा। यूजर ने लिखा, "बेंगलुरु, जो कभी पेंशनभोगियों का हिल स्टेशन और बगीचों का स्वर्ग था, कैसे एक ऐसे शहर में बदल गया, जहां लोग लंच, लाइफ जैकेट और कार्यस्थल तक पहुंचने के लिए नाव की उम्मीद करते हैं... और यह सब महज 2-3 दशकों में?"

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जानिए लोगों के जवाब 

इस पोस्ट पर बहुत सारे लोगों ने इंगेज किया और और इशारा किया कि कैसे शहर का बेबी नियाज ढांचा और बिना किसी प्लानिंग के शहरी विकास प्रभावित कर रहा है-

बेंगलुरु में भारी बारिश से हुए जलभराव पर सोशल मीडिया पोस्ट्स में लोगों ने जमकर गुस्सा जाहिर किया और शहर के बेतरतीब ढांचे और अनियोजित शहरी विकास को इसका कारण बताया।

एक यूजर ने लिखा:"लालच, शून्य योजना, शून्य दृष्टि और व्यक्तिगत लाभ।"

दूसरे यूजर ने कहा, "बिल्कुल, लालच, भ्रष्टाचार और व्यक्तिगत लाभ मुख्य कारण हैं। प्रशासन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम नहीं करता और न ही ईमानदार योगदानकर्ताओं को मौका देता है। यही सबसे बड़ी समस्या है।"

एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, "पेंशनभोगियों के स्वर्ग से अब हम सर्फर, रोवर, तैराकों और रिवर राफ्टर्स का स्वर्ग बन गए हैं! दुनिया में कोई ऐसा प्रशासन दिखाएं, जो 25 साल में किसी शहर को इतना 'कामयाब' बना दे।"

एक और यूजर ने व्यंग्य किया, "दक्षिण भारत का वेनिस!
झीलों के किनारे इमारतें => सड़कों पर झीलें।"

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एक यूजर ने गंभीरता से लिखा, "खराब योजना और जल निकायों पर तेजी से हो रहा अतिक्रमण इसकी जड़ में है।"