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Photograph: (Amar Ujala)
Bihar Role Model Mother-in-Law Enrolls Daughter-in-Law in School After Learning Her Wish: बिहार के सुपौल जिले से एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जो सास-बहू के रिश्ते की पारंपरिक धारणा को चुनौती देती है। यह घटना बताती है कि बदलाव की शुरुआत घर से ही होती है। एक सास ने न केवल अपनी बहू की पढ़ाई की इच्छा को समझा, बल्कि उसका स्कूल में दाखिला कराकर समाज के लिए एक मिसाल पेश की।
बिहार में सास ने बहू की इच्छा जानकार कराया स्कूल में एडमिशन, जानें पूरा मामला
खबरों के अनुसार, भारतीय समाज में सास-बहू के संबंधों को अक्सर तनावपूर्ण माना जाता है। लेकिन बिहार के सुपौल जिले की कविता देवी ने इस धारणा को पूरी तरह बदल दिया है। उन्होंने अपनी नवविवाहित बहू नीतू कुमारी की पढ़ाई को प्राथमिकता दी और उसके उज्जवल भविष्य के लिए एक साहसी कदम उठाया।
कटहरा वार्ड 13 निवासी कविता देवी के बेटे की शादी 14 मई को सोहटा गांव की नीतू कुमारी से हुई थी। शादी के कुछ ही दिन बाद, नीतू ने अपनी सास से पढ़ाई जारी रखने की इच्छा जताई। इस बात को सुनते ही कविता देवी ने न कोई विरोध किया, न किसी समाजिक दबाव की परवाह की। उन्होंने तुरंत नीतू को गांव के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय, कटहरा खतबे टोला में नौवीं कक्षा में दाखिल करा दिया।
यह कदम केवल एक परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गया है। जहां एक ओर बेटियां अक्सर शादी के बाद शिक्षा छोड़ देती हैं, वहीं नीतू कुमारी को यह मौका मिला कि वह फिर से अपने सपनों को पूरा कर सके। कविता देवी की इस सोच ने यह दिखा दिया कि अगर परिवार साथ दे, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सास-बहू एक साथ स्कूल में दाखिले की प्रक्रिया पूरी करती नजर आ रही हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दोनों के बीच केवल रिश्ता नहीं, बल्कि एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव भी है। इस पहल को देखकर लोग कविता देवी को ‘रोल मॉडल सास’ कहकर सम्मानित कर रहे हैं।
विद्यालय प्रशासन और शिक्षक भी हुए प्रभावित
विद्यालय के प्रधानाध्यापक रमेश कुमार ने इस पहल की सराहना की और कहा कि यह घटना ग्रामीण भारत में शिक्षा के प्रति बदलती सोच का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि जब महिलाएं खुद पढ़ाई के लिए आगे आती हैं, तो यह समाज में बड़े बदलाव का संकेत होता है। विद्यालय के अन्य शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भी इस घटना से प्रेरणा ली।