Fair Parenting: क्या आपके पालन-पोषण के तरीके बच्चे को नुकसान पहुंचा रहे हैं?

कैसे कुछ पालन-पोषण की आदतें बच्चे के मानसिक और भावनात्मक विकास को प्रभावित कर सकती हैं। सही संतुलन बनाकर बच्चों के आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के प्रभावी तरीके जानें।

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Sakshi Rai
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Photograph: (psychologs)

Are Your Parenting Methods Harming Your Child?: पालन-पोषण का तरीका बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक विकास पर गहरा प्रभाव डालता है। कभी-कभी, माता-पिता अनजाने में ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं जो बच्चों को नुकसान पहुँचा सकती हैं। आइए, कुछ सामान्य पालन-पोषण की गलतियों और उनके प्रभावों पर चर्चा करें.

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क्या आपके पालन-पोषण के तरीके बच्चे को नुकसान पहुंचा रहे हैं? 

हर माता-पिता अपने बच्चे के लिए सही करने की कोशिश करते हैं, लेकिन संतुलन बनाना बेहद जरूरी है। बच्चों को स्वतंत्र रूप से सोचने, फैसले लेने और अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने का मौका दें। उनके साथ बातचीत करें, उन्हें समझें और उनके विकास में मदद करें। सही परवरिश वही है जो बच्चों को मजबूत, आत्मनिर्भर और खुशहाल इंसान बनाए।कुछ पहलुओं को समझना ज़रूरी है, जो हमें एक माता-पिता के रूप में नहीं करना चाहिए।

1.बच्चों पर जरूरत से ज्यादा नियंत्रण

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अक्सर माता-पिता सोचते हैं कि वे अपने बच्चों की हर चीज पर नजर रखेंगे तो उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। लेकिन जरूरत से ज्यादा नियंत्रण बच्चों में आत्मविश्वास की कमी ला सकता है। वे अपने फैसले लेने में हिचकिचाने लगते हैं और हर चीज के लिए माता-पिता पर निर्भर हो जाते हैं।

2.बच्चों की तुलना करना

बहुत से माता-पिता जाने-अनजाने अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से करने लगते हैं। "देखो, तुम्हारा दोस्त कितना अच्छा कर रहा है" जैसी बातें बच्चे के मन में हीन भावना भर सकती हैं। हर बच्चा अलग होता है, उसकी क्षमता और रुचियां भी अलग होती हैं। तुलना के बजाय उन्हें उनकी ताकत पहचानने में मदद करनी चाहिए।

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3.बच्चों की गलतियों को नज़रअंदाज करना या जरूरत से ज्यादा सजा देना

कुछ माता-पिता बच्चों की गलतियों को पूरी तरह नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे वे अनुशासनहीन हो सकते हैं। वहीं, कुछ माता-पिता छोटी-छोटी गलतियों पर बहुत सख्त सजा देते हैं, जिससे बच्चे डर और तनाव में रहने लगते हैं। सही तरीका यह है कि गलती पर प्यार से समझाएं और उन्हें सही निर्णय लेने की सीख दें।

4.सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना और भावनात्मक ज़रूरतों को नज़रअंदाज करना

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बहुत से माता-पिता बच्चों की पढ़ाई को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं और उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को नज़रअंदाज कर देते हैं। बच्चों को सिर्फ अच्छे नंबर ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनने की जरूरत होती है।

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