Ways to Strengthen Your Bond with Your Kids at Bedtime: बेडटाइम बच्चों के लिए एक ऐसा समय होता है जब उनका मन और बॉडी दोनों रिलैक्स होते हैं। ऐसे समय में एक पेरेंट्स के तौर पर आपकी भूमिका बहुत बढ़ जाती है क्योंकि इस समय आप अपने बच्चों के साथ कनेक्ट कर सकते हैं। माता-पिता की हमेशा यह शिखर होती है कि हमें उन्हें बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम नहीं मिलता है लेकिन यह ऐसा समय होता है जब आप भी काम से घर आ जाते हैं और बच्चा भी आपके पास होता है तो आप उसके साथ कनेक्ट कर सकते हैं। चलिए जानते हैं कि बेड टाइम के जरिए कैसे आप बच्चों के साथ स्ट्रॉन्ग कनेक्शन बना सकते हैं?
बेडटाइम पर बच्चे के साथ कैसे बनाएं स्ट्रॉन्ग कनेक्शन
दिन के बारे में पूछें
बच्चों को सोने से पहले उसके दिन के बारे में जरूर पूछे और जानने की कोशिश करें कि आज बच्चों ने पूरा दिन क्या किया है। जब आप बच्चे से ऐसी बातें पूछेंगे तो वह आपके साथ बात करने में कंफर्टेबल महसूस करेगा और अपनी हर जरूरी बात आपके साथ शेयर करेगा। इससे आप भी उसके बारे में जानने लगेंगे और उसे समझने लगेंगे। इससे आपको भी कोई स्ट्रेस नहीं होगा कि बच्चा आपसे कुछ छुपा तो नहीं रहा है या फिर किसी गलत संगत में तो नहीं पड़ गया है।
खुद के बारे में बताएं
बच्चे को अपने बारे में भी बताएं कि आपने पूरा दिन क्या किया है या फिर आप उसके बारे में क्या सोचते हैं। जब आप भी बच्चे को अपनी बातें बताने लगेंगे तो बच्चा आपसे देखकर भी बहुत सारी चीजें सीखेगा कि कैसे अपने इमोशंस को व्यक्त करना है या फिर दूसरों के साथ खुलकर बात कैसे कर सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि बच्चों को ही सिर्फ अपनी बात बतानी है। पेरेंट्स होने के नाते आप खुद को भी अपने बच्चों के साथ व्यक्त करना शुरू करें।
बच्चे को उसकी वैल्यू समझाएं
जब पेरेंट्स बच्चे की तरफ ध्यान नहीं देते हैं तो उसे ऐसा लगने लग जाता है कि शायद वे उसकी वैल्यू नहीं करते हैं या फिर घर में उसकी जरूरत नहीं है लेकिन आपको बार-बार उसे यह एहसास दिलाना होगा कि कैसे वो आपके लिए स्पेशल है और आप उसकी कितनी वैल्यू करते हैं। बच्चे एक्शंस बहुत ज्यादा नोट करते हैं और आसपास की चीजों को ऑब्जर्व भी करते हैं। इसलिए जब आप बेडटाइम पर बच्चों के साथ होते हैं तो उन्हें जरूर समझाएं कि आप उसे कितना अपने प्यार करते हैं और आपकी जिंदगी में उसकी क्या अहमियत है।
प्रोत्साहित करें
बच्चा अपनी जिंदगी में भी बहुत सारे उतार-चढ़ावों से गुजरता है और कई बार उन्हें सोचकर डिमोटिवेट होने लग जाता है। उसे लगता है कि वह अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर सकता है। वह कमजोर है या फिर उसमें उतनी काबिलियत नहीं है। ऐसे में आप बच्चे को यह जरूर बताएं कि उसके एफर्ट्स ज्यादा मैटर करते हैं। हार जीत सभी की जिंदगी का हिस्सा है लेकिन फेल होने पर कभी भी आगे बढ़ना नहीं छोड़ना है बल्कि गलतियों में सुधार करना है।