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Sudha Murty: समाज सेवा और नारी शक्ति की नई मिसाल

सुधा मूर्ति, भारतीय समाज की एक प्रमुख लेखिका, उपन्यासकार, समाज सेविका है और इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। उन्हें महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भारतीय संसद के उच्च सदन, राज्यसभा के लिए नामित किया गया है।

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Ritika Negi
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10 things about Sudha Murty

Sudha Murty (Image Credit: file image)

10 things about Sudha Murty: सुधा मूर्ति, भारतीय समाज की एक प्रमुख लेखिका, उपन्यासकार, समाज सेविका है और इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। उन्हें महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भारतीय संसद के उच्च सदन, राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। भारतीय समाज के विकास में कई अनगिनत नाम हैं जो न केवल अपने कामों से प्रसिद्ध हुए हैं, बल्कि अपनी निष्ठा और समर्पण से लोगों के दिल में स्थान बना लिया है। उनमें से एक नाम है श्रीमती सुधा मूर्ति, जिन्होंने अपने अच्छे कार्यों से समाज को नई दिशा दी है। 

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कौन है सुधा मूर्ति?

सुधा मूर्ति का जन्म कर्नाटक राज्य के तुमकुरु जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद समाज सेवा में अपने जीवन को समर्पित कर दिया। उन्होंने ‘इंफोसिस फाउंडेशन’ की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, और बेटियों की शिक्षा जैसे क्षेत्रों में काम करती है। सुधा मूर्ति ने अपने लेखन कौशल के माध्यम से भी लोगों को समाज सेवा की महत्त्वपूर्णता के बारे में जागरूक किया है। उनकी कई पुस्तकें लोकप्रिय हैं, जिनमें उन्होंने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर अपने अनुभवों और विचारों को साझा किया है। 

सुधा मूर्ति का समाज में योगदान विभिन्न क्षेत्रों में दिखाई देता है। उन्होंने गांवों में विभिन्न समाज सेवा कार्यों को प्रोत्साहित किया है, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास शामिल है। उन्होंने बच्चों के लिए शिक्षा को महत्वपूर्ण मानते हुए विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों की शुरुआत की है। सुधा मूर्ति जी को 2006 में भारत सरकार द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। बाद में 2023 में उन्हें भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 

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सुधा मूर्ति के बारे में 10 रोचक बातें

  1. सुधा मूर्ति ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुवात एक मराठी फिल्म पितृरुन से की, जो उनके कन्नड़ उपन्यास, रुन का अनुवाद था। 
  2. वे भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमेटिव कंपनी (TELCO) में नियुक्त होने वाली पहली महिला इंजीनियर बनी।
  3. 29 साल की उम्र में, सुधा मूर्ति अपनी पहली पुस्तक, महाश्वेता प्रकाशित करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका चली गई। उन्होंने अपनी पहली किताब अपने पति को समर्पित की, जो उनके जीवन साथी और मित्र थे।
  4. नारायण मूर्ति से 1980 में शादी करने से पहले उन्होंने कई वर्षो तक कंप्यूटर प्रोग्रामर के रूप में काम किया। 
  5. 1981 में इंफोसिस की स्थापना हुई जो उनके पति नारायण मूर्ति और उनके 6 दोस्तों ने मिलकर की। सुधा मूर्ति जी ने अपने पति की कंपनी में उस समय पैसे लगाए थे। 
  6. सुधा जी की कुल संपत्ति 775 करोड़, इंफोसिस शेयर से उनकी अनुमानित आय 5384 करोड़। उनकी प्राथमिक आय का स्त्रोत किताबो और उनके साहित्यिक कार्यों से प्राप्त रॉयलेटी और इंफोसिस फाउंडेशन के योगदान से है। 
  7. सुधा मूर्ति को जानवरों से गहरा प्रेम था। वह आवरा कुत्तों और बिल्लियों को बचाने और उनकी देखभाल करने के लिए जानी जाती हैं। 
  8. जब वह 6 साल की थीं, तब उन्होंने एक अंधे व्यक्ति को सड़क पार करने में मदद करके अपनी समाज सेवा की शुरुवात की। 
  9. सुधा को मां ने उन्हें अपनी पति को बिना बताए पैसे सेव करने के सलाह दी थी। यह वही सेव किए हुए पैसे थे जो उन्होंने अपने पति को इन्फोसी की स्थापना के वक्त दिए।
  10. TELCO में अपने अंतिम दिन, सुधा जी की JRD Tata से मुलाकात हुई, जिन्होंने उन्हें समाज सेवा के लिए प्रोत्साहित किया। 

 

द्रौपदी मुर्मू इंफोसिस Sudha Murty पद्म श्री पद्म भूषण
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