5 Effective Yoga Asana For Anger Management: प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में स्ट्रेस और गुस्सा एक सामान्य समस्या हैं, जो अक्सर दिनचर्या और जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। स्ट्रेस और गुस्सा विभिन्न कारणों से हो सकते हैं, जैसे कि काम की दबाव, संबंधों की समस्याएं, निराशा, आदि। इन समस्याओं का सामना करना आम बात है, लेकिन यह समस्याएं साधारण चिंता और खुशी को प्रभावित कर सकती हैं।
Anger Issue: गुस्से पर काबू पाने के लिए करें ये 5 योगासन
1. बालासना (Balasana)
बालासना, जिसे बच्चों का आसन भी कहा जाता है, योग का एक महत्वपूर्ण आसन है। इसे 30 सेकंड तक ध्यानपूर्वक करें। बालासना को बैठकर, घुटनों के समीप झुककर किया जाता है। यह आसन उत्तम है जब आप थके-हारे महसूस कर रहे हों या मन में चिंता हो। बालासना करने से पेट की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है और पाचन सिस्टम सुधरता है। इसके अलावा, यह आसन अधिक ध्यान की अवस्था में भी सहायक होता है और मानसिक शांति और सांत्वना प्रदान करता है।
2. हलासना (Halasana)
हलासना, योग जो पूरे शरीर को संतुलित करने और स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। इस आसन में आप अपने पैरों को सीधा उठाकर सिर के पास ले जाते हैं, जिससे कमर, पेट और पैरों की मांसपेशियों को संजीवनी मिलती है। हलासना करने से आंतरिक अग्नि बढ़ती है, पेट की चर्बी कम होती है, और पाचन क्रिया सुधरती है। यह आसन थकान और स्ट्रेस को भी कम करता है और शारीरिक लचीलापन को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, यह आसन मानसिक चंचलता को भी शांत करता है और ध्यान को बढ़ावा देता है।
3. सुखासन (Sukhasana)
सुखासन योग जो ध्यान और आत्मचिंतन को बढ़ावा देता है। इस आसन में बैठते समय शरीर का वजन समान रूप से वितरित होता है और सांत्वना की भावना होती है। यह आसन शरीर के लिए सांत्वना और आत्मसमर्पण की भावना को बढ़ावा देता है। सुखासन करने से नौटिलस, घाती और पैरों की मांसपेशियों में लचीलापन आता है और पृथक्करण अवस्था को सुधारता है। इसके अलावा, यह आसन चिंता और तनाव को दूर करने में मदद करता है और मानसिक तत्वों को स्थिर करता है।
4. कपालभाति (Kapala Bhati)
कपालभाति योग एक एसा प्राणायाम है जो शरीर के ऊर्जा को बढ़ाने और मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है। इस प्राणायाम में, आप नियमित गहरी साँसें लेते हैं और फिर जोर से साँस छोड़ते हैं। यह श्वासायाम शारीर के अंतर्द्वारा अत्यधिक ऑक्सीजन और प्राण आपस में आगमन कराता है, जिससे शरीर के ताजगी का संचार होता है। कपालभाति करने से श्वासनलीय तंतुओं को भी लाभ मिलता है, जिससे पेट की समस्याएं ठीक होती हैं और प्राणिक ऊर्जा का संतुलन होता है। इस प्राणायाम को नियमित रूप से करने से मानसिक शांति, चिंता मुक्ति और ताजगी मिलती है।
5. शीतली प्राणायाम (Sheetali Pranayama)
शीतली प्राणायाम जो शरीर को शीतल और शांति देता है। इस प्राणायाम में, आप अपनी जीभ को घुमाते हुए सांस लेते हैं, जिससे शरीर का तापमान कम होता है और मानसिक तनाव दूर होता है। शीतली प्राणायाम तापमान को नियंत्रित करता है, शरीर को शांति प्रदान करता है और सांत्वना बढ़ाता है। यह प्राणायाम थकान और गुस्से को कम करने में भी सहायक होता है और आत्मा को ताजगी प्रदान करता है। इसके अलावा, यह प्राणायाम ध्यान की अवस्था में भी सहायक होता है और मानसिक तनाव को दूर करता है।