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Phobia: क्या इस शब्द को पढ़कर आपको डर लगा

डर हम सभी को लगता है ऐसा कोई व्यक्ति विश्व में नहीं जो डरता न हो। कोई रात के अंधेरे से तो कोई भीड़ से कोई पानी से तो कोई ऊंचाई से। डरना कोई बुरी बात नहीं या कोई शर्म की बात है लेकिन जब यही डर अत्यधिक हो जाता है तो वो एक बीमारी का रूप ले लेता है।

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kukshita kukshita
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Phobia

(Image Credit : Freepik)

5 Type of Phobia: डर हम सभी को लगता है ऐसा कोई व्यक्ति विश्व में नहीं जो डरता न हो। कोई रात के अंधेरे से तो कोई भीड़ से , कोई गाय से तो कोई कुत्ते से, कोई रोड क्रॉस करने से डरते है तो को भीड़ वाली जगह से, कोई पानी से तो कोई ऊंचाई से। डरना कोई बुरी बात नहीं या कोई शर्म की बात है लेकिन जब यही डर अत्यधिक हो जाता है तो वो एक बीमारी का रूप ले लेता है। जिसे मेडिकल भाषा में फोबिआ कहा जाता है। यह एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति किसी विशेष वस्तु, स्थिति या गतिविधि से अत्यधिक और तर्कहीन डर महसूस करता है। यह डर इतना तेज हो सकता है कि उस समय व्यक्ति अपनी मानसिक संतुलन खो देता है और बेहोशी, घबराहट, पसीना आना, सांस फूलना, दिल की धड़कन तेज होना, और कभी-कभी पैनिक अटैक जैसी शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं। फोबिया का कारण कई मानसिक और शारीरिक पहलुओं से जुड़ा हो सकता है। जैसे कोई पास्ट की घटना या पारिवारिक बीमारी या मानसिक असंतुलन। 

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5 प्रमुख फोबिया के बारे में

1. सोशल फोबिया (Social Phobia)- सामाजिक डर 

सोशल फोबिया में व्यक्ति सामाजिक स्थितियों में अत्यधिक चिंता और शर्मिंदगी महसूस करता है। उन्हें लोगों के सामने बोलना, नई लोगों से मिलना या किसी समूह में शामिल होना मुश्किल लगता है। उन्हें लगता है कि लोग उनकी आलोचना करेंगे या उन्हें नकारेंगे।

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2. एगोराफोबिया (Agoraphobia)- भीड़ का डर 

एगोराफोबिया में व्यक्ति उन जगहों या स्थितियों से डरता है जहां से निकलना मुश्किल या शर्मनाक हो सकता है। इसमें भीड़-भाड़ वाली जगहें, बंद जगहें, यात्रा करना आदि शामिल हो सकते हैं। उन्हें डर होता है कि वे पैनिक अटैक का अनुभव कर सकते हैं या मदद के लिए किसी को नहीं पा सकेंगे।

3. ऐक्रोफोबिया (Acrophobia) – ऊंचाई का डर

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ऐक्रोफोबिया उन लोगों में पाया जाता है जो ऊंचाई से अत्यधिक डरते हैं। यह डर व्यक्ति को ऊंचे स्थानों पर जाने से रोकता है, चाहे वह किसी इमारत की छत हो या पहाड़ की चोटी। इस फोबिया से पीड़ित व्यक्ति को ऊंचाई पर चक्कर आना, पसीना आना, और घबराहट का अनुभव होता है। इसके कारण व्यक्ति जीवन की कई गतिविधियों से वंचित रह सकता है, जैसे हवाई जहाज में यात्रा करना, ऊंची इमारतों में काम करना या ऊंचाई वाले स्थानों पर घूमना।

4 . क्लोस्ट्रोफोबिया (Claustrophobia) – बंद स्थानों का डर

क्लोस्ट्रोफोबिया उन लोगों में होता है जिन्हें छोटे या बंद स्थानों से डर लगता है। व्यक्ति को ऐसा लगता है कि वह फंस जाएगा और वहां से बाहर नहीं निकल पाएगा। यह डर लिफ्ट, छोटी गाड़ियों, या किसी तंग कमरे में होते वक्त बढ़ जाता है। इस फोबिया से पीड़ित व्यक्ति सामान्य स्थिति में भी अत्यधिक चिंता का सामना करता है। अक्सर इसके लक्षणों में सांस फूलना, दिल की धड़कन तेज होना और पैनिक अटैक आना शामिल होता है।

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5. एरोफोबिया (Aerophobia) – हवाई यात्रा का डर

एरोफोबिया का अर्थ है हवाई यात्रा का डर। इस फोबिया वाले लोग हवाई जहाज में बैठने से घबराते हैं, चाहे यात्रा कितनी भी आवश्यक क्यों न हो। उन्हें अक्सर उड़ान के दौरान किसी दुर्घटना का डर सताता है, और वे इस स्थिति से बचने के लिए जमीन के विकल्पों को प्राथमिकता देते हैं। इस डर के कारण उनका व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन प्रभावित हो सकता है, क्योंकि कई बार हवाई यात्रा आवश्यक होती है।

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