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Anupama's Duty For Kinjal's Baby? किंजल-परितोष की इन्सेक्योरिटी जाइज़?

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Monika Pundir
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अनुपमा फैंस जानते ही होंगे की इस समय इस लीडिंग सीरियल में अनुपमा और उसके पति अनुज ने एक बच्ची के फोर्स्टर पेरेंट्स बने हैं और आगे जाकर उसके लीगल पेरेंट्स बनने की आशा रखते हैं। स्टार प्लस की इस बेहद प्रोग्रेसिव शो ने बहुत ही ज़रूरी मुद्दे उठाए हैं, जैसे की पति द्वारा चीटिंग, तलाक, दूसरी शादी, औरत की अपनी पहचान की अहमियत, टीनेज रेलशनशिप्स, और अब एडॉप्शन भी।

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पिछले दो-तीन एपिसोड में हमने देखा की अनुपमा का परिवार एडॉप्शन वाली बात पर कैसे रिएक्ट कर रहा है। कुछ लोग खुशिया मना रहे हैं, कुछ को थोड़ा जलन हो रहे हैं, कुछ नई बहन को अपनाने और समसझने में समय लगा रहे हैं तो कुछ अपने आप को इन्सेक्युर पा रहे हैं। कपाडिया फैमिली की इनसिक्योरिटी पैसे और विरासत के मामले में है। यह दुख की बात है, पर उन करेक्टर्स की एंट्री के समय ही स्पष्ट था कि उन्हें अनुज के कंपनी और पैसों का एक हिस्सा चाहिए, और क्योंकि वे एक ही परिवार से है, यह पूरी तरह गलत भी नहीं है।

दूसरी ओर किंजल और परितोष की इनसिक्योरिटी इस बात से उठ रही है, की वे चाहते थे उनके बच्चे को अनुपमा संभाले।

किंजल और परितोष की इन्सेक्योरिटी जाइज़?

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मैं जानती और समझती हूँ की एक बच्चे की परवरिश आसान नहीं होती, और ख़ास कर नई माँ को जितना मदद मिले उतना कम पड़ता है। फिर भी मुझे लगता है की किंजल और तोषु की यह उम्मीद या एक्सपेक्टेशन की अनुपमा उनके बच्चे को संभालेगी, काफी हद तक गलत है। यह केवल सीरियल की बात नहीं है, असल ज़िन्दगी में भी ऐसे एक्सपेक्टेशन मुझे सही नहीं लगते।

अनुपमा के तरफ से सोचते हैं

अनुपमा ने कम उम्र में शादी कर ली थी, और जल्दी ही उसके 3 बच्चे भी हो गए। उसने अपना पूरा जीवन बच्चे और परिवार के लिए बिताया। उसका पूर्व पति 25-26 साल तक उसे कहीं घूमने जाने की या दोस्तों से मिलने की अनुमति नहीं देता था। न ही वह अनुपमा को अपने साथ घुमाने ले जाता था। उसने ऑफिस के पार्टी में भी अनुपमा को ले जाना शर्मनाक समझा। कई एपिसोड्स में हमने इसका सबूत देखा। साथ ही, एक एपिसोड में जब अनुपमा अपनी दोस्त देविका के साथ घूमने गयी थी और थोड़ी लेट हो गई, वनराज ने उसे घर से ही निकल दिया।

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उसके बच्चों की अपने आप को संभालने वाली उम्र आयी तो उसकी ननद की बेटी मीनू का भी उसी ने ध्यान रखा। ननद डॉली तो एक एपिसोड में कहती भी है की उसकी बेटी का परवरिश उससे ज़्यादा अनुपमा ने की है। 

अब जब अनुपमा को अपनी ज़िन्दगी अपनी तरीके से, अपने नए परिवार में जीने का मौका मिल रहा है, तो उसे वापस से बच्चों के बेड़ियों में बांधना क्या सही है?

अगर आप ऐसी माता पिता का तलाक और अनुपमा जैसा स्थिति न भी हुआ हो, जो कि आज भी बहुत कम है, तब भी क्या यह सही है? 18-25 या कभी कभी उससे ज़्यादा साल भी, माता पिता अपने बच्चों और काम को समर्पित करते हैं। अधिकतर लोग और कपल अपने रिटायरमेंट प्लानिंग में बच्चे की देखभाल नहीं रखते हैं। वे घूमना चाहते हैं, दुनिया देखना चाहते हैं, एक कम ज़िम्मेदारी वाला जीवन जीना चाहते हैं। वे अपने पोता-पोती से प्यार ज़रूर करते हैं, पर उनके साथ हेलना समय बिताना चाहते हैं, दोबारा से उनकी परवरिश करना बहुत स्ट्रेस वाला काम हो सकता है।

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किंजल और तोषु के पास पूरा परिवार है बच्चे की देखभाल करने को। वे अपने बच्चे की ज़िम्मेदारी किसी और को क्यों देना चाहते हैं। अगर किंजल को बच्चे की देखभाल नहीं करनी थी, तो उसे बच्चे की प्लानिंग डिले करनी चाहिए थी। उसे अनुपमा से मदद की उम्मीद रखना सही है, पर पूरी ज़िम्मेदारी उठाने की उम्मीद सही नहीं है।

पर फिर हर व्यक्ति के अच्छाई और बुराई होते हैं। किंजल ने हर मोड़ पर बढ़प्पन दिखाई है, तो इस मोड़ पर इन्सेक्योरिटी जाताना शायद उसके करेक्टर को रिअलिस्टिक बनाता है।

अनुपमा इन्सेक्योरिटी
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