Cloth Pads: भारत में अगर पीरियड के दौरान सबसे ज्यादा यूज़़ किए जाने वाले प्रोडक्ट की बात करें तो वह है सैनेटरी पैड। लेकिन, आज भी देश के काफी राज्यों के गांवों में महिलाएं पैड की जगह कपड़ा यूज़ करना ठीक मानती हैं। यूं देखा जाएं तो कपड़े या कपड़े वाले पैड का इस्तेमाल करना सेहत के लिए और शरीर के लिए काफी फायदेमंद है।
लड़किया कम्फर्टेबल और पीरियड में होने वाले रेशेज से बचने के लिए कॉटन कपड़ों का पीरियड के दौरान इस्तेमाल करती है लेकिन इन्हें यूज़ करना थोडा मुश्किल है। इसकी वजह से इंफेक्शन होने का थोड़ा खतरा भी बना रहता है। अगर आप आज भी सैनेटरी पैड से ज्यादा कपड़े के पैड के साथ ज्यादा कम्फर्टेबल फील करती है तो आइए जानते हैं इसे इस्तेमाल करने के सही तरीकें और कपड़े वाले पैड के फायदों के बारे में।
कपड़े वाले पैड के फायदे (cloth pads benefits)
- कपड़े से बने ये पैड घर की पुरानी साड़ियों, तौलियों या चादरों को काटकर बनाए जाते हैं जो आरामदायक होने के साथ सस्ते भी पड़ते हैं लेकिन यह कपड़े कॉटन ही हो साथ ही, ये कपड़े के पैड पर्यावरण के लिहाज से बेहतर या इको-फ्रेंडली भी होते हैं। cotton pad
- -इनको यूज कर लेने के बाद जलाकर खत्म भी किया जा सकता है वहीं ज्यादातर लोग पैड को यूज में लेने के बाद ऐसे ही फेंक देते है जो कि पर्यावरण को काफी नुक्सान भी करता है। इसके अलावा कुछ लोग धुलकर दुबारा यूज़ भी कर लेते हैं लेकिन एक ही कपड़े को दो से तीन बार यूज में लेने से प्राईवेट पार्ट में इंफेक्शन बढ़ सकता है।
- -कपड़े से बने पैड की बजाय सैनिटरी पैड के इस्तेमाल की वजह आराम और सुविधा है। इसमें कोई शक नहीं कि सैनिटरी पैड(period products) इस्तेमाल में काफी सुरक्षित होते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कपड़े के पैड अच्छे नहीं होते इनमें किसी प्रकार की हानि का खतरा नहीं होता है।
- कपड़ों से बने पैड के इस्तेमाल से यूं तो सेहत से जुड़ी कोई परेशानियां नहीं होती हैं हालांकि आपको इनकी सही तरीके से साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा। इसी तरह, कपड़ा सैनिटरी पैड की तुलना में कम देर तक फ्लो को सोख सकता है या कम समय तक टिकता है इसलिए आपको बार-बार और जल्दी-जल्दी पैड बदलना होगा।
- पीरियड में सिर्फ सूती या कॉटन कपड़ा यूज़ करना ज्यादा आरामदायक होता है। इससे प्राइवेट एरिया में हवा भी आसानी से पहुंचती रहेगी और रैशेज़ का डर भी कम होगा यही नहीं, कॉटन का कपड़ा पॉलिएस्टर जैसे बाकी तरह के कपड़ों से ज्यादा लिक्विड सोख सकता है लेकिन, बहुत पुराने कपड़े के इस्तेमाल से बचें क्योंकि उससे आपको एलर्जी हो सकती है और इसे बदलने का ध्यान ज़रूर रखे।
- कपड़े के पैड बहुत जल्दी गीले होते हैं और इसीलिए रात में इनका इस्तेमाल थोड़ा झंझटभरा हो सकता है। इसी तरह, अगर गीले होने के बाद इन्हें बदला नहीं गया तो उनसे बदबू आने लगती है और गीलेपन की वजह से वजाइना में इंफेक्शन का ख़तरा बढ़ जाता है जिससे आपको बहुत ज्यादा परेशानी हो सकती हैं। हालांकि, पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखकर आप इस खतरे से बच सकते है। साथ ही, इस्तेमाल करने से पहले और बाद में कपड़े से बने पैड का साबुन/डिटर्जेंट से अच्छी तरह साफ करें और धूप में सूखने के बाद हीं इनका दोबारा इस्तेमाल करें। इस तरह बैक्टेरिया और इंफेक्शन से बचना आसान होगा।