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Period: महावारी के प्रति हमें अपना नज़रिया बदलने की ज़रूरत

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Swati Bundela
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पीरियड को आज भी समाज हमारे टेबू माना जाता है।इसके बारे में खुलकर बात नहीं की जाती।औरतों को इसके कारण मर्दों से कमजोर समझा जाता है। उनके साथ भेदभाव किया जाता है।पीरियड के दिनों में कुछ घरों या स्थानों में आज भी औरतों को अलग रखा जाता है।

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पीरियड नैचरल प्रॉसेस है

पीरियड पूरी तरह से नैचरल प्रॉसेस है। इसमें कुछ भी गंदा नहीं है। इसमें  कुछ भी शर्म या अपने आप को नीचे सोचने वाली बात नहीं है। हर लड़कों को 11-14 साल की उम्र में महावारी शुरू होती है और यह 45-50 साल की उम्र तक यह प्रॉसेस होता है। 
हर महीने आप को 3-7 दिन के लिए महावारी आती है। पीरियड हर किसी को अलग-अलग आते है।इसका मतलब है सबके महावारी के दिन एक जैसे नहीं होते।किसी को ज़्यादा दिन आते है किसी को सिर्फ़2-4 दिन आते है।अगर आपको 7 दिन से  ज़्यादा आ रहे है एक बार डॉक्टर से ज़रूर मिल लेना चाहिए।

महावारी कमज़ोरी की निशानी नहीं है

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महावारी के कारण अक्सर ही लड़कियों को कमजोर समझ लिया जाता है। लेकिन यह एक लड़की को मज़बूत बनाती है। महावारी के समय आपको महिलाएँ जो  दर्द सहन कर सकती है। वह दर्द कोई नहीं सहन कर सकता है। इसके बावजूद भी नौकरी करने वाली लड़कियाँ अपने काम पर जाती है। जिन्होंने घर पे रहना होता उन दिनों वह घर का काम करती है।

मूड स्विंज़,  घबराहट, ऐंठन(cramps)

पीरियड में सिर्फ़ आपका ब्लड लूस नहीं होता है। इसके साथ आपके शरीर में भी बहुत से बदलाव आते है जैसे आपके मूड स्विंज़ होते है कभी आपको ग़ुस्सा आता है, कभी आप खुश होते हो। कभी भूख ज़्यादा लगती है कभी कुछ खाने का ही नहीं मन करता। कभी आप किसी चीज़ के बारे में अधिक सोचने लग जाते है। ऐसी बहुत सी चीजों का औरतों का सामना करना पड़ता है।

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खुलकर बात नहीं की जाती।

पीरियड के बारे में आज भी खुलकर बात नहीं की जाती। जब आप दुकान पर सैनिटेरी नैप्किन लेने जाते तब दुकानदार आप को काले लिफ़ाफ़े में पैकेट डालकर देते है। आज भी लोग इसके बारे में खुलकर बात नहीं करना चाहते।

सोच बदलने की ज़रूरत 

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महावारी के प्रति हमें अपना नज़रिया बदलने की ज़रूरत है। हमें इसके बारे में लड़कों को भी जानकारी देनी होगी। इसमें कोई शर्म वाली बात नहीं है। आज भी बहुत से लोग जब इस टॉपिक पर बात होती है तो असहज हो जाते है।हमें इस चीज़ को सहज करना होगा। औरत को इन में प्यार, साथ चाहिए होता है। कोशिश करें कि आप उसकी तकलीफ़ को समझो। इसके लिए आपको जानकारी होनी चाहिए।इसलिए अपनो बेटों की इस चीज़ के बारे में बताए।

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