5 Common Menstrual Disorders जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए

Swati Bundela
15 Jan 2021
5 Common Menstrual Disorders जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए 5 Common Menstrual Disorders जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए
मेंस्ट्रुएशन (menstruation) हर महिला के लाइफ की कॉमन कहानी है। हर महीने पीरियड्स को चुपचाप झेलने की हमे आदत सी हो गई हैं। मेंस्ट्रुएशन एक ऐसा टॉपिक हैं जिस पर कोई खुल के बात नहीं करता। इस वजह से कई फीमेल्स को यह तक नहीं पता कि उनके menstruation cycle में क्या नार्मल है और क्या अबनॉर्मल। (Common Menstrual Disorders Hindi)

5 कॉमन मेंस्ट्रुअल डिसॉर्डर्स , जिनके बारे में हर महिला को पता होना चाहिए (Common Menstrual Disorders Hindi) :


1. हैवी मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग


डेली लाइफ की नॉर्मल एक्टिविटी करते वक़्त हैवी ब्लीडिंग होती हैं।अधिकतर महिलाओं को पीरियड्स में इतनी हैवी ब्लीडिंग होती हैं कि वे अपने रोज़मर्रा के काम भी ठीक से पूरा नहीं कर पाती। हैवी मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग हार्मोनल इम्बैलेंसेस, यूट्रस में structural abnormalities, अन्य चिकित्सा स्थितियों (जैसे थायरॉयड की समस्या, ब्लड क्लॉटिंग डिसॉर्डर्स, लिवर या किडनी की बीमारी, ल्यूकेमिया (leukemia), मिसकैरेज या इन्फेक्शन ) के कारण हो सकता हैं।

2. मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग न होना (Amenorrhea)


जब किसी फीमेल को पीरियड्स होते ही नहीं है तब इस कंडीशन को एमेनोरिया (Amenorrhea) कहा जाता है।अगर कोई लड़की 16 साल की हो गई है लेकिन उसे पीरियड्स नहीं आ रहे ,तो शायद उसकी endocrine system (जो हॉर्मोन रेगुलेट करता है) में कोई प्रॉब्लम हो सकती है। कभी कभी कम वजन की वजह से pituitary gland परिपक्व (maturing) होने में देरी के कारण भी होता हैं। जब किसी महिला को रेगुलर पीरियड्स होते है लेकिन फिर लगातार तीन महीने नहीं होते तो ऐसा एस्ट्रोजन लेवल की वजह से हो सकता हैं।

3. पेनफुल मेंस्ट्रुएशन (dysmenorrhea)


अधिकांश महिलाओं ने कभी न कभी अपनी लाइफ में पीरियड्स के दौरान क्रैम्प्स ज़रुर महसूस किया है। हालांकि, अगर क्रैम्प्स ज्यादा पेनफुल और लगातार होती है तो इसे dysmenorrhea कहा जाता है। पीरियड्स क्रैम्प्स यूट्रीन कॉन्ट्रैक्शंस के कारण होता है।

4. Pre-Menstrual Syndrome (PMS)


PMS के अंदर बहुत से नेगेटिव शारीरिक और भावनात्मक लक्षण होते हैं जो आपके हर पीरियड शुरु होने से पहले होते हैं। PMS तब शुरु होता है जब आपको हॉर्मोन के स्तर में बड़े बदलाव आते हैं। इसलिए PMS युवावस्था शुरु होने पर, बच्चे के जन्म के बाद या फिर contraceptive पिल लेने पर शुरु करने पर हो सकता है।यह इसलिए हो सकता है क्योंकि आपका शरीर और दिमाग Estrogen hormone के स्तरों को सामान्य करने के लिए ऐक्टिव हो जाते हैं जो आपके मूड, थकान और नींद के पैटर्न को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

5. Premenstrual Dysphoric Disorder (PMDD)


Premenstrual Dysphoric Disorder (PMDD) PMS का एक्सट्रीम लेवल है जो वूमेन की लाइफ को काफी बुरी तरह इफ़ेक्ट करता हैं।इसे सिरदर्द और माइग्रेन के बीच के अंतर की तरह समझें। PMDD के सबसे आम लक्षणों में बढ़े हुए चिड़चिड़ापन, चिंता और मिजाज शामिल हैं।
अगला आर्टिकल