Advertisment

क्या आपको भी सैनिटरी पैड्स की वजह से हो जाते है रैशेज़? अपनाइये ये 5 उपाय

author-image
Swati Bundela
New Update
कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड्स के इस्तेमाल से रैशेज़ और जलन हो जाते हैं। कई बार ये परेशानी पीरियड्स ख़त्म होने के बाद भी होती हैं। इन प्रॉब्लम्स की वजह लम्बे समय तक पैड का लगाए रहना हो सकता हैं ,क्योंकि पैड लगाने से एयर सर्कुलेशन बहुत कम हो जाता है जिससे उस जगह पर बैक्टिरिया पनपने लगते हैं। इसी बैक्टिरिया की वजह से एलर्जी और रैशेज़ हो जाते हैं। आइये जानते हैं पैड्स से होने वाले रैशेज़ से बचाव के उपाय ।

Advertisment

 जानिए पैड्स से होने वाले रैशेज़ से बचाव के ये 5 उपाय (Rashes se bachaav ke upaay)



1. बढ़िया सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करें

Advertisment


पैसे बचाने के चक्कर में कोई सा भी ऐसा वैसा पैड न खरीदे,अच्छी क्वालिटी का सैनिटरी पैड ही खरीदे। महिलायें अक्सर अपने घर या ऑफिस के काम में बिजी रहती है ,पूरा दिन भाग -दौड़ करती हैं। पीरियड्स में ज्यादा चलने की वजह से भी रैशेज़ हो जाते हैं इसलिए हल्के और सॉफ्ट पैड यूज़ करे। बढ़िया सैनिटरी पैड आपको रैशेज़ से बचाएगा।

2. पाउडर लगाएं

Advertisment


लम्बे समय तक पैड लगाने के कारण स्किन में नमी आ जाती हैं ,उस एरिया को पानी से धोने के बाद पाउडर लगा ले। रैशेज़ से बचने के लिए वजाइनल एरिया के आस -पास पाउडर लगाए। ऐसे कोई सा भी पाउडर ना लगाए। टैल्कम पाउडर यूज़ करने के बजाय, एंटीसेप्टिक पाउडर यूज़ करें क्योंकि वो नुकसान नहीं करता।

3. 4-6 घंटे में पैड बदल लें

Advertisment


अपने पैड को टाइम टू टाइम बदले। लम्बे वक़्त तक एक ही पैड को लगाए रखना रैशेज़ का सबसे बड़ा कारण हैं और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता हैं।आमतौर पर 6 घंटे में पैड को बदल लेना चाहिए अगर आपको हैवी ब्लीडिंग होती हैं तो आपको 4 घंटे में पैड बदल लेना चाहिए। अगर आप वर्किंग वूमेन हो या स्टूडेंट हो ,तो आप एक्स्ट्रा पैड बैग या पर्स में रखकर ले जा सकती हैं। एक ही पैड पुरे दिन लगाए रखने की लापरवाही ना करे। रैशेज़ से बचाव के उपाय में ये उपाय काफी बेहतर है।

पढ़िए :Vagina Myths: जानिए वजाइना से जुड़े 8 Myths

Advertisment




4. हाईजीन मेंटेन करें

Advertisment


पीरियड्स में इंफेक्शन होने का ज्यादा खतरा रहता है। इसलिए दिन में कम से कम तीन से चार बार पैड चेंज करे। इसके अलावा अपने प्राइवेट पार्ट को हल्के गर्म पानी से जरूर धोएं। ऐसा करने से आपके प्राइवेट पार्ट के आस -पास के बेक्टेरिया दूर हो जाते हैं।पैड बदलने के बाद साबुन से हाथ धोना न भूले।

5. डॉक्टर की सलाह मानें

Advertisment


कई बार रैशेज़ जल्दी नहीं जाते और परेशानी बढ़ जाती हैं। ऐसी सिचुएशन में डॉक्टर को ज़रूर दिखाए।आपके डॉक्टर को पता होता है कि अलग -अलग तरह के रैशेज़ के लिए कौन सी क्रीम या दवाई से राहत मिलेगी। डॉक्टर जो क्रीम बताये उसी का इस्तेमाल करे।सैनिटरी पैड से होने वाले यीस्‍ट इंफेक्‍शन के लिए एंटी-फंगल क्रीम दी जाती है। जबकि, बैक्टीरियल इंफेक्‍शन के लिए एंटीसेप्टिक क्रीम दी जाती है।



इसके अलावा टाइट या सिंथेटिक कपड़े न पहने। आप पैड के अलावा टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप यूज़ करने के बारे में भी सोच सकती हैं।



तो, ये आपने जाना कुछ जरूरी रैशेज़ से बचाव के उपाय (Rashes se bachaav ke upaay)।

पढ़िए :भारत में पहली बार ठाणे सिविक बॉडी द्वारा महिलाओं के लिए ‘Period Room’ की स्थापना

सेहत सैनिटरी पैड्स के रैशेज़ से बचाव
Advertisment