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Delayed Justice is Justice Denied
हम अक्सर यह देखा करते हैं कि हमारे कोर्ट एक जजमेंट को लेने में कितना समय निकाल देते हैं। ऐसे में जो पीड़ित हैं या फिर उस पीड़ित के परिजन है उन पर कितना दबाव रहता है। ऐसा ही हमें विभिन्न प्रकार के केसों में देखने को मिला है जहां पर पीड़ित और उसके परिजनों ने पता नहीं कितने साल सही फैसले का इंतजार किया है। कुछ घटनाएं जो मीडिया की निगाह में आ जाती हैं वे तो बड़ी बन जाती हैं और उन पर फैसला जल्दी आ जाता है परंतु जो केस नीचे दबे रह जाते हैं उन पर निर्णय लेने में कई साल लग जाते हैं।
आखिर क्या मतलब है Delayed Justice is Justice Denied का ?
Something heart piercing
किरण नेगी का केस एक ऐसा ही केस है अप्रैल 2012 में किरण नेगी के साथ दुष्कर्म हुआ एवं उसको जंगलों में वस्त्रहीन हालत में छोड़ दिया गया जब पुलिस को उसका शव मिला तब हमें पता चला कि हमारी एक बेटी ऐसे दरिंदों के द्वारा प्रताड़ित की गई है। उस समय में जहां निर्भया बलात्कार कांड लोगों की रूह छू रहा था एवं मीडिया कवरेज में था उस समय किरण नेगी बलात्कार केस बिल्कुल छुपा रह गया।
आज लगभग 10 साल बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अंतिम निर्णय लिया तो सभी दरिंदों को फांसी की सजा ना देकर कारावास की सजा दी। अब हमें सोचना है कि इतने लंबे समय तक इंतजार करने के बाद किरण नेगी के माता-पिता किन हालातों से गुजर रहे होंगे और जिस सुप्रीम कोर्ट पर वह पूरी उम्मीद लगाए बैठे थे उन्होंने तो उनकी उम्मीदों को ही कुचल दिया। ऐसे में उनकी दो बार हार हुई पहले अपनी बेटी को गंवाकर तथा दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट के द्वारा ऐसे पक्षपाती निर्णय के बाद। अब हम सभी को यह दृढ़ निर्णय लेना है कि हम निरंतर उसके परिजनों के साथ खड़े रहे ताकि हम इस सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल सकें एवं किरण निधि को न्याय दिला सकें।
What about other such cases ?
किरण नेगी का मामला तो केवल एक ही मामला है परंतु न जाने ऐसे कितने मामले हैं जहां हमें ऐसे परिजन और ऐसे परिवारों के साथ खड़ा होना होगा क्योंकि देरी से न्याय का मिलना कोई न्याय नहीं है और इसीलिए कहा गया है कि Delayed Justice is Justice Denied.